फ्रांस में एक पुलिस कर्मचारी द्वारा एक युवक की हत्या के बाद जमकर विरोध प्रदर्शन हुए। देश के कई हिस्सों में हिंसा को देखते हुए इमर्जेंसी की घोषणा की मांग की जा रही है। दक्षिण पंथी विपक्षी दलों का कहना है कि आपातकाल की स्थिति अधिकारियों को स्थानीय स्तर पर कर्फ्यू घोषित करने, प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने और पुलिस को संदिग्ध दंगाइयों को रोकने और घरों की तलाशी लेने में अधिक स्वतंत्रता मिल जाएगी। ऐसे में स्थिति को नियंत्रितक करने में आसानी होगी।
आइए आपको बताते हैं कि सोशल मीडिया पर फ्रांस में हो रहे हिंसा को लेकर लोगों का क्या कहना है। एना कोसमा नाम के ट्विटर यूजर ने हिंसा की वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि जो युवा लोग जिन्होंने सार्वजनिक के साथ-साथ निजी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाने का फैसला किया है। अधिकांश लोगों को ये रकम बीमा द्वारा भी नहीं दे सकते। उन्होंने युवा नेल की स्मृति को कलंकित किया है।
वहीं पॉल गोल्डिंग जो ब्रिटेन फर्स्ट पार्टी के बेटे हैं उन्होंने हिंसा की कई वीडियो शेयर करते हुए फ्रांस की तुलना यूक्रेन से करते हुए कहा कि पेरिस नया बखमुत है? जागो फ्रांस, मरीन ले पेन वापस लाओ!। वहीं प्रो माइकल तन्चुम नामक हैंडल ने बताया कि अबतक 667 दंगाई गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
पैट्रिक बराखमंन नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है कि मुझे आश्चर्य है कि कितने लोग जानते हैं कि फ़्रांस में घटनाओं के पीछे क्या कारण है। मीडिया देश में बाढ़ की तरह आए लाखों इस्लामी प्रवासियों के बारे में बात करने से इनकार करता है।
किम डॉटकॉम नाम के यूजर ने हिंसा की वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि पश्चिमी मीडिया के पास रूस में वैगनर समूह के विद्रोह का 24 घंटे कवरेज था। अब फ़्रांस जल रहा है और पश्चिमी मीडिया में लगभग कोई कवरेज नहीं है। क्यों? क्योंकि वे नहीं चाहते कि पश्चिम में लोगों के मन में बुरे विचार आएं। जल्द ही अमेरिका और ब्रिटेन में ऐसा हो सकता है।
डेविड वांस ने एक पुलिस स्टेशन का जलते हुए वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि फ्रांस में ये नए फ्रांसीसी नागरिक जोश के साथ पुलिस स्टेशन पर हमला कर रहे हैं। फ़्रांस अमर रहे! वहीं वॉल स्ट्रीट सिल्वर नामक यूजर ने लिखा कि फ़्रांस दंगों से पूरी तरह से अराजकता में पड़ गया है, बस डिपो में आग लगा दी गई है और अब 40,000 अधिकारियों को तैनात किया गया है।
न्यू अमेरिकन यूनियन नाम के यूजर ने ट्वीट किया कि विविधता मानव इतिहास का सबसे बड़ा झूठ है, फ्रांस इसका नवीनतम प्रमाण है। वर्तमान विश्व के किसी भी मुद्दे का समाधान तब तक नहीं किया जा सकता जब तक लोगों को नस्ल और व्यवहार के बीच संबंध का एहसास नहीं हो जाता।
एमिली स्चर्डर नाम की ट्विटर यूजर ने बताया कि फ़्रांस में होलोकॉस्ट स्मारक को दंगों में अपवित्र किया जा रहा है। एशली साइमन नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा कि फ़्रांस देखें? यह आपका भविष्य है, यूरोप जल रहा है और लोग अभी भी इस डरावने शो के प्रति अपनी आँखें बंद कर रहे हैं!