महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को बड़ा सियासी भूचाल देखने को मिला। NCP नेता अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार की पार्टी तोड़ दी और 29 विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए। दोपहर ढाई बजे के करीब अजित पवार ने मंत्री पद की शपथ ली। वे उपमुख्यमंत्री के तौर पर सरकार में शामिल हुए। उनके साथ छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, हसन मुश्रीफ, रामराजे निंबालकर, धनंजय मुंडे, अदिति तटकरे, संजय बनसोडे और अनिल भाईदास पाटिल ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
NCP से अजित पवार की बगावत के बाद शरद पवार ने कहा कि मैं फिर पार्टी खड़ी करके दिखाऊंगा। उन्होंने कहा कि मेरे साथ यह पहले भी हो चुका है, लेकिन मैं इससे डरता नहीं और न ही मुझे इससे फर्क पड़ता है। शरद पवार ने कहा कि दो दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने NCP के बारे कहा था कि एनसीपी खत्म हो चुकी पार्टी है। उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र किया। मुझे खुशी है कि मेरे कुछ साथियों ने आज शपथ ली है। उनका महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने से यह स्पष्ट है कि वे सभी आरोप मुक्त हो गए हैं।
आज जो हुआ ये मेरे लिए नया नहीं है…”महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे पर शरद पवार ने कहा, “ये पार्टी के हटकर कुछ लोगों ने फैसला लिया है। मेरा कहना है कि इस पूरे मामले पर 2-3 दिनों में स्पष्टीकरण दिया जाएगा। अभी इस मामले पर हम कुछ कहना नहीं चाहते हैं। आज जो हुआ ये मेरे लिए नया नहीं है। साल 1980 में चुनाव के बाद मैं जिस पार्टी का नेता था। उस पार्टी के 58 विधायक जीतकर आते थे। लेकिन 6 विधायक छोड़कर सभी पार्टी को छोड़कर चले गए थे मैंने 6 विधायकों के साथ पार्टी को खड़ा किया है।