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रैपिड रेल परियोजना को फंड करने से मना करने पर बीजेपी ने केजरीवाल पर साधा निशाना, अमित मालवीय बोले – 5 साल में 1868 करोड़ विज्ञापन पर किए खर्च

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से विज्ञापन में हुए खर्च का ब्योरा मांगा। दरअसल दिल्ली सरकार ने रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम प्रोजेक्ट के लिए फंड देने में अपनी असमर्थता जाहिर कर दी थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पिछले 3 वर्षों में विज्ञापनों में हुए खर्च का ब्योरा मांगा है। इसके बाद बीजेपी भी केजरीवाल पर हमलावर हो गई है। बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए कहा की केजरीवाल सरकार ने 5 सालों में 1868 का करोड़ रुपया विज्ञापन में खर्च किए।

अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए लिखा “अरविंद केजरीवाल सरकार ने धन की कमी का हवाला देते हुए एनसीआर रैपिड रेल परियोजना को फंड करने में असमर्थता व्यक्त की है।”

“पिछले 5 सालों में केजरीवाल ने विज्ञापनों पर 1,868 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, यानी प्रति माह 31 करोड़ रुपये से अधिक और प्रति दिन लगभग 1.2 करोड़ रुपये!”

उन्होंने ये भी लिखा की “जब आप करदाताओं का पैसा स्वयं के प्रचार पर उड़ा देंगे तो जाहिर तौर पर विकास कार्यों के लिए कोई संसाधन नहीं बचेगा!”

 

जस्टिस एस के कॉल और जस्टिस सुधांशु धूलिया ने केजरीवाल सरकार को 2 हफ्ते के भीतर विज्ञापन पर हुए खर्च का ब्योरा देते हुए हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने ये आदेश तब दिया जब सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने बताया की दिल्ली सरकार फंड की कमी होने की वजह से रैपिड मेट्रो को फाइनेंस करने में असमर्थ है।

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Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

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