महाराष्ट्र की विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं। इसमें किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की जरूरत होती है। अगर सीटों के गणित की बात करें तो बीजेपी के पास 106 विधायक हैं। जबकि पिछले साल एकनाथ शिंदे शिवसेना से बगावत के बाद 40 विधायकों के साथ अलग हो गए थे। उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी और सीएम पद की शपथ ली थी, जबकि देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। अब शिंदे गुट के कुल 44 विधायकों का सरकार को समर्थन है। वहीं राज्य में एनसीपी के पास 53 विधायक हैं। अब दावा किया जा रहा है कि अजित पवार के साथ 40 विधायकों ने सरकार को समर्थन दिया है। इसके साथ ही अन्य 21 विधायकों का भी सरकार को समर्थन है। इसमें 12 निर्दलीय विधायक भी हैं।
अजित पवार ने अपने साथ 40 विधायकों के होने का दावा कर रहे हैं, हालांकि आज अजित पवार के अलावा नौ एनसीपी विधायकों ने मंत्री पद की शपथ जरूर ली जिनमें धर्मराव अत्रम, सुनील वलसाडे, अदिति तटकरे, हसन मुश्रीफ, छगन भुजबल, धन्नी मुंडे, अनिल पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल शामिल हैं।
अजित पवार के समर्थन में अब तक सुनील शेलके, दिलीप मोहिते, दिलीप बनकर, माणिकराव कोकाटे, नितीन पवार, चंद्रकांत नवघरे, राजेंद्र कारेमोरे, मनोहर चंद्रिकापुरे, राजेश नरसिंग पाटील, इंद्रनील नाईक, छगन भुजबल, शेखर निकम, प्रकाश सोलखे, दीपक चव्हाण, संग्राम जगताप, चेतन तुपे, अण्णा बनसोडे, नरहरी झिरवळ,सरोज अहिर, अदिती तटकरे, अतुल बेनके, दिलीप वलसे पाटील, संजय बनसोडे, अनिल पाटील, हसन मुश्रीफस धर्मराव आत्राम और धनंजय मुंडे जैसे नेता आ चुके हैं। इतना ही नहीं, कई सांसद भी अजित पवार के साथ बताए जा रहे हैं। एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल भी अजित पवार के साथ हैं।
वहीं एनसीपी के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि शरद पवार के दौरे में जिस तरह से लोग जुट रहे हैं, विधायकों को पता होना चाहिए कि जब शरद पवार उनके इलाके में उनके खिलाफ दौरा करेंगे तो उनका क्या हाल होगा। उन्होंने पार्टी बनाई है, चुनाव चिन्ह उनका है। ना कि प्रफुल पटेल, नरेंद्र मोदी का।