महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम में बीजेपी की ताकत बढ़ गई तो वहीं एनसीपी टूट के कगार पर खड़ी है। 2019 विधानसभा चुनाव बाद महा विकास आघाडी को आकार देने वाले शरद पवार अब मुश्किल में है। उन्होंने कहा है कि उनके लिए बगावत नई नहीं है और वह जनता के बीच जाएंगे और नए सिरे से पार्टी को खड़ा करेंगे। वहीं एनसीपी सुप्रीमो ने इस बात पर भी जोर दिया कि जिन लोगों ने बगावत की है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है क्या करेंगे शरद पवार अपन भतीजे अजीत पवार के फैसले को मानेंगे या फिर वह जनता के बीच जाएंगे।
5 जुलाई को शरद पवार के नेतृत्व में एनसीपी की एक बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए जाएंगे। वहीं शरद पवार ने कहा है कि एनसीपी का फैसला बीजेपी, शिवसेना गठबंधन के साथ नहीं जाने का था। लेकिन अजीत पवार ने बगावत नहीं बल्कि डकैती की है। अब 5 जुलाई को होने वाली बैठक पर सबकी नजर होगी कि शरद पवार क्या फैसला लेते हैं।
पिछले कई महीनों से अजीत पवार के बीजेपी में जाने के कयास लगाए जा रहे थे। शरद पवार ने कई बार उद्योगपति गौतम अडानी से मुलाकात की। यह वही मुद्दा है जिसको लेकर पूरा विपक्ष बीजेपी सरकार पर हमलावर है, लेकिन शरद पवार ने साफ कहा कि गौतम अडानी को टारगेट किया जा रहा है। अजित पवार के बगावत के बाद लोग यह भी नहीं समझ पा रहे हैं कि यह शरद पवार की चाल है या फिर सच में उनके साथ धोखा हुआ है।
अजित पवार की बगावत के बाद अब सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या शरद पवार अकेले पड़ गए हैं या फिर यह उनकी चाल है या फिर वह बीजेपी के साथ जाएंगे? 5 जुलाई की बैठक में कई सवालों के जवाब भी मिल सकते हैं।