महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया तूफान खड़ा हो गया है, शिवसेना के एकनाथ शिंदे के बाद एनसीपी के अजित पवार ने पार्टी को दो हिस्सों में तोड़ दिया और खुद डिप्टी सीएम की कुर्सी संभाल ली. कहा जा रहा है कि ये खेल कुछ ऐसे खेला गया कि राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी शरद पवार को इस बात की भनक तक नहीं लगी. कुल मिलाकर शिवसेना के बाद एनसीपी में टूट का सिर्फ एक ही पार्टी को बड़ा फायदा मिला है और वो है बीजेपी… आने वाले लोकसभा और उसके बाद विधानसभा चुनावों में बीजेपी के लिए ये फायदे का सौदा माना जा रहा है. आइए जानते हैं कि अजित पवार की बगावत के बाद महाराष्ट्र का नंबर गेम कितना बदल गया है.
एनसीपी में कौन किस पाले में?
अजित पवार के साथ 8 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ले ली है. अजित पवार के समर्थन में अब तक सुनील शेलके, दिलीप मोहिते, दिलीप बनकर, माणिकराव कोकाटे, नितीन पवार, चंद्रकांत नवघरे, राजेंद्र कारेमोरे, मनोहर चंद्रिकापुरे, राजेश नरसिंग पाटील, इंद्रनील नाईक, छगन भुजबल, शेखर निकम, प्रकाश सोलखे, दीपक चव्हाण, संग्राम जगताप, चेतन तुपे, अण्णा बनसोडे, नरहरी झिरवळ,सरोज अहिर, अदिती तटकरे, अतुल बेनके, दिलीप वलसे पाटील, संजय बनसोडे, अनिल पाटील, हसन मुश्रीफस धर्मराव आत्राम और धनंजय मुंडे जैसे नेता आ चुके हैं. इतना ही नहीं, कई सांसद भी अजित पवार के साथ बताए जा रहे हैं. एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल भी अजित पवार के साथ हैं.
इसके अलावा शरद पवार के समर्थन में रोहित पवार, बालासाहेब पाटिल, अनिल देशमुख, जयंत पाटिल, जितेंद्र आव्हाड, प्राजक्त तनपुरे और सुनील भुसारा का नाम सामने आ चुका है. इनके अलावा कई विधायक ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. बालासाहेब आजबे, राजेंद्र शिंगणे, आशुतोष काले और नवाब मलिक को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। सूत्रों का कहना है कि अजित पवार की ओर से इनसे भी संपर्क किया गया था.
ये है बीजेपी का नंबर गेम
नंबर गेम की बात करें तो बीजेपी के पास निर्दलीय और छोटे दलों को मिलाकर महाराष्ट्र में कुल 126 (अपने 105) विधायक हैं. जिनमें शिंदे कैंप के 40 विधायकों को जोड़ दें तो आंकड़ा 166 का हो जाता है. वहीं अब अजित पवार के साथ 30 विधायक भी इसी गठबंधन में जुड़ गए हैं. ऐसे में ये आंकड़ा 196 तक पहुंच जाता है. अब अगर शिंदे गुट को हटा भी दें तो बीजेपी अजित पवार और उनके समर्थक विधायकों के साथ 156 (126+30) के आंकड़े पर रहेगी. यानी बहुमत की संख्या से 11 विधायक ज्यादा होंगे. ऐसे में बीजेपी के लिए अजित पवार की बगावत सोने पर सुहागा जैसी है.
बाकी दलों के पास कितने विधायक
अब उद्धव गुट वाली शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के पास कितना संख्या बल है, इसे भी आपको बताते हैं. कुल 288 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के पास कुल 44 विधायक हैं. वहीं शिवसेना के 56 विधायकों में से 40 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ चले गए, तो शिवसेना के कुल 16 विधायक ही बचे हैं. अब एनसीपी के कुल 53 विधायकों में से 30 विधायक पाला बदल चुके हैं. ऐसे में एनसीपी का आंकड़ा 23 तक सिमट गया है. बताया जा रहा है कि अजित पवार ने 40 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा किया है, ऐसे में एनसीपी का ये संख्या बल और कम हो सकता है. मौजूदा स्थिति में तीनों दलों (शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी) के नंबर जोड़ दिए जाएं तो अब महज 83 विधायक ही एमवीए गठबंधन में नजर आते हैं.