अजित पवार की बगावत के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। अजित पवार और पार्टी चीफ शरद पवार ने बुधवार को अलग-अलग मीटिंग कर विधायकों की एकजुटता की ताकत दिखाई। इस दौरान अजित पवार ने एनसीपी पर दावा करते हुए कहा कि उनके पास 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। अजित के इस दावे पर पार्टी प्रमुख शरद पवार ने पलटवार किया है। शरद पवार ने कहा कि चिंता करने की जरूरत नहीं, किसी को एनसीपी का चिह्न नहीं छीनने देंगे।
शरद पवार ने मुंबई के वाईबी चव्हाण केंद्र में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि एनसीपी ने पिछले 24 साल में महाराष्ट्र में मजबूत नेतृत्व तैयार किया है। चिंता की कोई बात नहीं है, हम किसी भी हालत में पार्टी और उसके चुनाव चिह्न को नहीं छीनने देंगे। अजित पवार पर इशारे में बात करते हुए शरद पवार ने कहा कि अगर आप किसी चीज से खुश नहीं थे तो बात कर सकते थे। बातचीत से रास्ता निकाला जा सकता था। शरद पवार ने अजित को साफ चेतावनी दी कि अगर कोई गलत काम किया तो वह सजा भुगतने को तैयार रहें।
शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार द्वारा बुलाई गई बैठक से जुड़े मंच पर खुद की तस्वीर लगे होने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जो लोग उनकी तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे हैं वो जानते हैं कि उनके पास कुछ और नहीं है। उन्होंने यहां चव्हाण सेंटर में राकांपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उनकी इस बैठक में पार्टी के करीब एक दर्जन विधायक पहुंचे थे। राकांपा के कुल विधायकों की संख्या 53 है। पवार ने भाजपा के साथ जाने को लेकर अपने भतीजे अजित पवार की आलोचना की और कई बातों का उल्लेख किया। उनका कहना था, ‘‘कुछ दिनों पहले उन्होंने (अजित पवार) मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का यह कहते हुए उपहास उड़ाया था कि इतने वर्षों में ऐसा मुख्यमंत्री नहीं देखा था. लेकिन अब वे शिंदे के साथ चले गए हैं।’ पवार ने 1999 में एनसीपी के गठन के समय जनता के साथ अपने जुड़ाव को याद करते हुए कहा, ‘‘आज हम भले ही सत्ता में न हों, लेकिन लोगों के दिल में हैं।’
पीएम मोदी पर साधा निशाना
शरद पवार ने इस दौरान बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि एनसीपी ने 70 हजार करोड़ का स्कैम किया है। प्रधानमंत्री ने एनसीपी पर कई कमेंट किए। शरद पवार ने पूछा कि अगर एनसीपी भ्रष्ट पार्टी है तो उसे सरकार में क्यों शामिल किया? एनसीपी चीफ ने कहा कि जो लोग बीजेपी के साथ गए उनको इतिहास याद करना चाहिए। पंजाब से लेकर आंध्र प्रदेश तक जिसने बीजेपी के साथ गठबंधन किया वह बाहर हो गया। बीजेपी गठबंधन वाली पार्टी को बर्बाद कर देती है।