समान नागरिकता कानून (UCC) को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने विधि आयोग की तरफ से जारी नोटिस पर अपनी आपत्ति दर्ज की है। विधि आयोग ने नोटिस में UCC को लेकर सभी पक्षों से सुझाव और विचार साझा करने को कहा था। जिसके जवाब में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि नोटिस में कही गईं बातें अस्पष्ट हैं। साथ ही AIMPLB का ये भी कहना है को UCC से धार्मिक अल्पसंखकों को अलग रखा जाए।
AIMPLB ने विधि आयोग को भेजे अपने उत्तर में कहा की “UCC जेसे इतने बड़े मसले पर सुझावों की शर्तें नहीं हैं। ऐसा लगता है की इतने बड़े मुद्दे को सिर्फ जनमत संग्रह करने के लिए सार्वजनिक डोमेन में जारी कर दिया गया है।
धार्मिक अल्पसंख्यकों को UCC से अलग रखें
AIMPLB हमेशा से ही UCC के खिलाफ रहा है। बोर्ड का ये कहना की UCC के नाम पर एक कानून को थोपा जाना लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। AIMPLB के प्रवक्ता रसूल इलियास ने कहा की बोर्ड चाहता है की UCC के दायरे से न सिर्फ आदिवासी बल्कि सभी अल्पसंख्यक वर्गों को अलग रखा जाए।
इलियास ने कहा की बोर्ड ने 27 जून को UCC के प्रतिवेदन मसौदे को इजाजत दी थी। जिसे आज ऑनलाइन माध्यम से विचार के लिए पेश किया गया। इस बैठक में प्रतिवेदन मसौदे को सर्वसम्मति से पास किया गया है। जिसके बाद इसे विधि आयोग भेज दिया गया है।
आपको बता दें कि विधि आयोग ने UCC पर कई पक्षकारों और हितधारकों को अपनी आपत्तियां दाखिल करने के लिए 14 जुलाई तक का समय दिया है। हालांकि AIMPLB ने इसे छह महीने तक बढ़ने की सिफारिश की थी।