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मणिपुर हिंसा पर मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह का बड़ा बयान; हिंसा के लिए इन्हें ठहराया जिम्मेदार

मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। इंफाल पश्चिम जिले में शुक्रवार रात एक उग्र भीड़ ने दो वाहनों को फूंक दिया, जबकि इंफाल पूर्व जिले में दो समुदायों के बीच रुक-रुककर गोलीबारी की सूचना है।

एन बीरेन सिंह ने शनिवार को ANI को दिए इंटरव्यू में संकेत दिया कि जातीय हिंसा में बाहरी ताकतों या तत्वों का हाथ हो सकता है, जिसने राज्य में कई लोगों की जान ले ली है। उन्होंने कहा कि यह “पूर्व नियोजित” लगता है।

न्यूज़ एजेंसी ANI के साथ एक इंटरव्यू में, मणिपुर के सीएम ने कहा कि मणिपुर की सीमा म्यांमार के साथ लगती है। चीन भी पास में है। हमारी 398 किलोमीटर की सीमाएँ असुरक्षित है। हमारी सीमाओं पर सुरक्षा बल तैनात हैं। यहां तक कि एक मजबूत और व्यापक सुरक्षा तैनाती भी इतने बड़े क्षेत्र को कवर नहीं कर सकती है। हालांकि, जो हो रहा है उसे देखते हुए, हम न तो इनकार कर सकते हैं और न ही दृढ़ता से पुष्टि कर सकते हैं कि यह पूर्व नियोजित लगता है लेकिन कारण स्पष्ट नहीं है।

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार, राज्य में शांति बहाल करने के लिए सभी प्रयास कर रही है। उन्होंने दिन में अपने “कुकी भाइयों और बहनों” से टेलीफोन पर बात की और कहा कि आइए माफ करें और भूल जाएं।

हमारे कुकी भाइयों और बहनों के साथ टेलीफोन पर बात की कि चलो माफ कर दो और भूल जाओ। हम हमेशा की तरह मेल-मिलाप करें और एक साथ रहें। सरकार ने केवल म्यांमार की अशांति के मद्देनजर बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग करने और स्थिति में सुधार होने पर उन्हें वापस भेजने की कोशिश की है। बीरेन सिंह ने कहा कि हमारी प्राथमिकता मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करना है।

अंत मे मुख्यमंत्री ने कहा कि हम एक हैं। मणिपुर एक छोटा राज्य है लेकिन हमारे पास 34 जनजातियाँ हैं। इन सभी 34 जनजातियों को एक साथ रहना होगा। हमें बस यह सावधान रहना होगा कि बाहर से बहुत से लोग यहां आकर न बस जाएं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई जनसांख्यिकीय असंतुलन नहीं हो। सीएम के रूप में, मैं वादा करता हूं कि मैं मणिपुर को टूटने नहीं दूंगा और न ही राज्य में एक अलग प्रशासनिक प्राधिकरण होगा। सीएम ने कहा कि मैं सभी को एक साथ रखने के लिए बलिदान देने के लिए तैयार हूं।

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