चंद्रयान 3 के सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो प्रमुख एस सोमनाथ के पहले शब्द “बधाई हो भारत” और झूम उठा पुरा भारत। कहते हैं न कि खुशी के पहल से पहले तनाव भी आता है। पर डर के आगे तो जीत होती है न। तो ये जीत मिली भी। इसरो सेंटर में तनाव में बैठे वैज्ञानिकों ने जैसे ही चंद्रयान को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित होते देखा सभी खुशी से झूम उठे।
2019 वाला डर था। सबके चेहरे पर तनाव दिख रहा था। इसरो के चेयरमैन ए सोमनाथ अपनी सीट पर शांत मुद्रा में बैठे थे। पर मन में हलचल चल रही थी। डर भी था। लॉन्चिंग को देखने के लिए दूर बैठे 10 हजार से ज्यादा दर्शक भी अपनी सांसें रोके आसमान की तरफ देख रहे थे।
ये देश को गर्व का पल दिलाने वाली सफलता से पहले का तनाव था। महिला वैज्ञानिक से लेकर पुरुष वैज्ञानिक तक सामने लगे स्क्रीन पर नजर गड़ाए हुए थे। जैसे ही आखिरी 5 सेकेंड की गिनती रह गई, इसरो चीफ एस सोमनाथ अपनी सीट पर चुंबक की तरह चिपक गए थे। सभी प्रोजेक्ट डायरेक्टर अपनी सीट पर जम चुके थे। 1..0 और लिफ्ट ऑफ, सब आसमान की तरफ देखने लगे। फिर कुछ सेकेंड तक शांति छाई रही। लॉन्चिंग के 16 मिनट बाद तालियों की गरहराहट से गूंज उठा इसरो रिसर्च सेंटर।
सभी वैज्ञानिकों के चेहरों पर थोड़ी मुस्कान आ चुकी थी।हालांकि ये मुस्कान अभी अधूरी है। क्योंकि उन्हें पता है कि अगले 42 दिनों तक चांद की दूरी तय करता रहेगा। लेकिन वाकई यह बहुत ही गर्व का पल था सभी भारतीयों ने लिए।
पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा चंद्रयान-3 मिशन के लिए शुभकामनाएं, मैं आप सभी से इस मिशन और अंतरिक्ष, विज्ञान और नवाचार में हमारे द्वारा की गई प्रगति के बारे में अधिक से अधिक जानने का आग्रह करता हूं। यह आप सभी को बहुत गौरवान्वित करेगा।