ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक सर्वे के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम रविवार को वाराणसी पहुंच गयी थी। टीम आज सोमवार को सुबह सात बजे से सर्वे के लिए परिसर में पहुंची। इससे पहले हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने यहां बताया कि ASI की टीम सोमवार को ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने को छोड़ कर पूरे परिसर का सर्वेक्षण शुरू कर चुकी है।
बताते चलें कि 16 मई 2023 को चारों वादिनी महिलाओं की तरफ से हिंदू पक्ष ने एक प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें मांग की गई थी कि ज्ञानवापी के विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे परिसर की ASI से जांच कराई जाए। 21 जुलाई को इसी याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए ASI सर्वे की इजाजत दे दी है।
शुरुआती 3 घंटे के सर्वे में फीता लेकर पूरे परिसर को नापा गया। 4 स्टैंड कैमरे परिसर के चारों कोने पर लगाए गए हैं। उसमें एक-एक एक्टिविटी रिकॉर्ड की जा रही है। तहखाने में अंधेरा ज्यादा होने से सर्वे में दिक्कत हुई। टार्च और अन्य लाइट की रोशनी कम पड़ गई। उधर मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का बहिष्कार किया है। मुस्लिम पक्ष सर्वे के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गया है।
ASI की टीम में 30 सदस्य मौजूद हैं। ASI की टीम के साथ 4 वकील भी मौजद हैं। यानी सभी पक्षों का एक-एक वकील ज्ञानवापी परिसर में मौजूद है। इस दौरान काशी में सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम किए गए हैं।
ज्ञानवापी मामले पर हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि हमें यकीन है कि पूरा परिसर मंदिर का ही है, सर्वेक्षण का परिणाम हमारे अनुकूल होगा।