दिल्ली के जिस अध्यादेश को कानून बनने से रोकने के लिए अरविंद केजरीवाल पिछले दिनों अलग-अलग पार्टी के नेताओं से मुलाकात कर समर्थन जुटा रहे थे वो दिन आ गया है, आज ये साफ़ हो जायेगा कि विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट है या नहीं।
इस अध्यादेश को रोकने के लिए आम आदमी पार्टी सभी विपक्षी दलों को लामबंद करने में लंबे समय से जुटी रही, लेकिन पार्टी को सबसे बड़ा झटका संजय सिंह के वोट न कर पाने के कारण लग सकता है। दूसरे वोटों को इकट्ठा कर रहे अरविंद केजरीवाल की पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती उनके खुद के राज्यसभा में दल के नेता संजय सिंह का सस्पेंशन बन गया है।
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा है कि दिल्ली में जमीन, कानून व्यवस्था और पुलिस को छोड़कर सभी चीजों पर दिल्ली की चुनी हुई सरकार का ही अधिकार होगा, लेकिन केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस फैसले को ही पलट कर रख दिया। अब 31 अगस्त यानी सोमवार को इस अध्यादेश को बिल के रूप में केंद्र सरकार राज्यसभा में पेश करने वाली है।
वहीं बीजेपी पर तंज कसते हुए संदीप पाठक ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नौ साल में पीएचडी अगर हासिल की है तो वो षड्यंत्र करने में ही हासिल की है। संजय सिंह को इन्होनें स्ट्रेटजी के तहत मणिपुर वाले मुद्दे पर सस्पेंड कर दिया। हम दिल्ली की जनता के लिए लड़ रहे हैं। हम अंत तक लड़ाई लड़ेंगे।अगर ईश्वर ने चाहा तो नंबर भी हमारे पास होंगे।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस संसद में अध्यादेश पर अरविंद केजरीवाल सरकार का समर्थन कर सकती है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि पार्टी ने लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों के संवैधानिक अधिकारों और जिम्मेदारियों पर मोदी सरकार के हमलों के खिलाफ हमेशा लड़ाई लड़ी है।