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पुणे में पीएम मोदी ने किया वीर सावरकर का जिक्र, सुनाई लोकमान्य तिलक और सावरकर की कहानी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज पुणे के दौरे पर है। इस दौरान उन्हें लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इससे पहले, पीएम मोदी और शरद पवार के बीच मुलाकात हुई जिसमे दोनो के बीच अच्छा तालमेल नजर आया। दोनो ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और ठहाके भी लगाए।

सम्मान के बाद पीएम मोदी ने अपने संबोधन में लोकमान्य तिलक के अलावा वीर सावरकर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा “भारत की आजादी में लोकमान्य तिलक की भूमिका, उनके योगदान को चंद घटनाओं और शब्दों में समेटा नहीं जा सकता। लोकमान्य तिलक में युवा प्रतिभाओं को पहचानने की अद्वितीय क्षमता थी, और वीर सावरकर इसका एक उदाहरण थे।”

तिलक ने ही दिलाई थी वीर सावरकर को स्कॉलरशिप

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लोकमान्य तिलक इस बात को भी जानते थे कि आजादी का आंदोलन हो या राष्ट्र निर्माण का मिशन हो । भविष्य की जिम्मेदारी हमेशा युवाओं के कंधों पर होती है। वह भारत के भविष्य के लिए शिक्षित और सक्षम युवाओं का निर्माण चाहते थे। उनमें प्रतिभाओं को पहचानने की दिव्य शक्ति थी। सावरकर जी की क्षमता को तिलक जी ने ही पहचाना। वह चाहते थे कि सावरकर बाहर जाकर अच्छी पढ़ाई करें और फिर लौटकर आजादी के लिए काम करें।’ पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिटेन में ऐसे ही युवाओं के लिए श्यामजी कृष्ण वर्मा स्कॉलरशिप चलाते थे। उनसे सावरकर के लिए तिलक जी ने सिफारिश की थी।

पीएम मोदी को मिला सम्मान

पीएम नरेंद्र मोदी को पुणे में लोकमान्य तिलक नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी के बाद वह तीसरे पीएम हैं, जिन्हें यह सम्मान दिया गया है। इस मौके पर पीएम मोदी ने ऐलान किया कि वह सम्मान के साथ मिली एक लाख रुपये की राशि को गंगा जी को समर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि तिलक जी के नाम में तो नाम गंगाधर था। इसलिए मैं इसे नमामि गंगे परियोजना के लिए देता हूं।

Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

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