मंगलवार 1 अगस्त को पुणे में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी और शरद पवार की मुलाकात हुई। इस मुलाकात में जो नजारा देखने को मिला उससे विपक्ष की बेचैनियां बढ़ गई हैं। दरअसल पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान जब पीएम मोदी से शरद पवार मिले, तो दोनों ने बेहद गर्मजोशी से एक दूसरे से हाथ मिलाकर अभिवादन किया। इसके बाद दोनों के बीच कुछ ऐसी बातचीत हुई की दोनो ठहाके लगाते हुए नजर आए। इसके बाद जब पीएम मोदी आगे बढ़कर दूसरे नेताओं से मिलने जाने लगे तो शरद पवार ने उनकी पीठ पर प्यार से थपकी भी लगाई। ये नजारा एकदम वैसा ही था जैसे दो पुराने दोस्त आपस में कई दिनों बाद मुलाकात कर रहे हों।
अजित पवार की बगावत के बाद पहली बार मिले मोदी-पवार
यह पहला ऐसा मौका है, जब अजित पवार की बगावत के बाद शरद पवार और पीएम मोदी किसी कार्यक्रम में एक साथ मंच साझा किया। पहले अटकलें थीं कि शरद पवार इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, शरद पवार ने कार्यक्रम में आने के लिए हामी भरी थी।
सहयोगियों की अपील को दरकिनार कर शरद पवार ने पीएम मोदी के साथ मंच साझा किया। दरअसल, तिलक स्मारक के इस पुरस्कार की घोषणा के बाद से कांग्रेस नाखुश है। इसके बावजूद शरद पवार विपक्षी एकता के एजेंडे से अलग चलते दिखे। विपक्षी दलों की दो बार की हुई बैठक के बाद जहां एक नाम I.N.D.I.A तय हुआ है और सभी इसके बैनर तले आए हैं, तो वहीं शरद पवार ताजा बने इस संगठन की मूल भावना से परे जाकर उस समारोह का हिस्सा बने, जिसमें पीएम मोदी को सम्मानित किया गया। सोमवार को मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी शरद पवार की पीएम मोदी से मुलाकात पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था की इससे विपक्ष के कार्यकर्ताओं में गलत संदेश जाएगा।
अजित पवार भी हुए कार्यक्रम में शामिल
इस कार्यक्रम में पीएम मोदी, शरद पवार के अलावा महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेन्द्र फड़नवीस, डिप्टी सीएम अजित पवार, पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे मौजूद रहे. यानी कि चाचा से बगावत के बाद किसी सार्वजनिक कार्यक्रम के मंच पर पहली बार शरद पवार और अजित पवार आमने-सामने आए। हालांकि, अजित पवार ने शरद पवार से नजरें नहीं मिलाईं। वे शरद पवार के पीछे-पीछे चलते नजर आए।