हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को हिंदुओं की ब्रजमंडल यात्रा पर मुस्लिम भीड़ ने हमला किया। पत्थरबाजी, आगजनी और फायरिंग की घटना हुई। मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि हजारों श्रद्धालु अभी भी हिंसा वाले इलाकों में फँसे हुए हैं। इस बीच हिंसा की आग बढ़कर गुरुग्राम के सोहना तक पहुँच गई है। यहाँ भी गाड़ियों को आग के हवाले करने की खबर है। इस घटना पर प्रदीप भंडारी ने ट्वीट करते हुए खेद हत्या हैं उन्होंने कहा की मेवाता में हिंदुओं के साथ जो हुआ उसे अलग करके नहीं देखा जा सकता। पिछले दिनों चाहे दिल्ली का दंगा हो या बंगाल की हिंसा सभी जगह एक बात समान है, और वो ये की वहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जहां भी हिंदू अल्पसंख्या हैं, कानून व्यवस्था वहां चुनौती क्यों बन जाती है?
What happened with Hindus who are minority in Mewat cannot be looked at in isolation. Whether it Mewat, Delhi Riots, or post poll violence in Bengal, or state of Hindus in Malda all have one thing in common
– Hindus are in minority in those areas
Why does law& order become a… https://t.co/daCS08VY1Z pic.twitter.com/yVeUNYAunx
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) August 1, 2023
प्रदीप भंडारी ने अपने ट्वीट में लिखा “मेवात में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ जो हुआ उसे अलग करके नहीं देखा जा सकता। चाहे वह मेवात हो, दिल्ली दंगे हों, या बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा, या मालदा में हिंदुओं की स्थिति, सभी में एक बात समान है…”उन इलाकों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं”
प्रदीप भंडारी ने गंभीर सवाल उठाते हुए लिखा की “इन क्षेत्रों में जहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं, वहां कानून व्यवस्था एक चुनौती क्यों बन जाती है? जिन जिलों में वे अल्पसंख्यक हैं, वहां सड़कों तक हिंदुओं की पूरी पहुंच क्यों नहीं है?
उन्होंने कहा “भारत के कई जिलों की डेमोग्राफी को बदलने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करने वाली लॉबी अगर सफल हो जाती है तो यह हमारे देश के लिए एक बड़ी चिंता की बात होगी। भारत में ऐसे कई जिले हैं जहां पिछले 4 दशकों में असमा रूप से डेमोग्राफी में परिवर्तन देखा गया है! भारत को भविष्य की संभावित चुनौतियों के प्रति सचेत होना चाहिए। भारत के 102 जिलों में पहले से ही हिंदू अल्पसंख्यक हैं।”
गौरतलब है को नूह में हिंसा के दौरान पुलिस पर भी पथराव किया गया। भीड़ की तरफ से चली गोली में होमगार्ड के दो जवान की मौत हो गई है। कई अन्य पुलिसकर्मी घायल हैं।हिंसा के बाद इंटरनेट बंद कर दिया गया है। नूंह और गुरुग्राम में धारा 144 लागू कर दी गई है। यात्रा की शुरुआत जिस नल्हड़ शिव मंदिर से हुई थी, वहाँ सैकड़ों लोगों के फँसे होने की खबर है। इनमें बड़ी संख्या महिलाओं की है। थानों पर भी हमला हुआ है।
नूंह में हुई हिंसा के कई वीडियो सामने आए हैं। मीडिया रिपोर्ट में, दर्जनों जलती हुई गाड़ियाँ देखी जा सकती है। स्थानीय साइबर थाने के पास खड़ी गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई है। स्थानीय लोगों का दावा है कि उन्होंने साल 1992 के बाद ऐसी हिंसा नहीं देखी थी। नूंह के रहने वाले गौरव ने कहा है कि पहले भीड़ ने पुलिस थाने पर पथराव किया। इस पर पुलिस ने फायरिंग और आँसू गैस के गोले छोड़े। इससे दंगाई भाग गए। लेकिन फिर हजारों लोग आए और पुलिस थाने में पथराव कर आग लगा दी। घरों में लगे कैमरे तोड़ दिए और गाड़ी चुरा कर ले गए। उन्होंने कहा, “यदि वह घर में छिपे न होते तो भीड़ उन्हें भी मार देती।”