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जबतक अभिषेक को बचाते उन्होंने उसकी गर्दन काट दी…पढ़िए नूंह हिंसा में मारे गए अभिषेक की दिल दहला देने वाली कहानी

हरियाणा के नूह जिले में 31 जुलाई को बृजमंडल यात्रा निकाली गई। इस यात्रा के दौरान पूर्व नियोजित तरीके से एक समुदाय विशेष ने कथित रूप से इस यात्रा पर हमला कर दिया। कहा जा रहा है की ये हमला इस लिए किया गया क्योंकि उनको शंका थी की इस यात्रा में मोनू मानेसर शामिल है। इसी यात्रा में शामिल होने के लिए पानीपत के नूरवाला गांव के रहने वाले अभिषेक चौहान भी पहुंचे थे। लेकिन यहां और आस-पास के इलाकों में हिंसा भड़क गई। इसमें 22 साल के अभिषेक और 4 और लोगों की मौत हो गई है।

अभिषेक की मौत के एक दिन बाद अभिषेक के चचेरे भाई महेश ने अभिषेक की मौत की दरदभरी कहानी बयान की है। उन्होंने बताया कि उन्हें अपनी जान बचाने के लिए, अपने मरते हुए भाई को छोड़कर जाना पड़ा था।

मृतक अभिषेक के भाई महेश ने मीडिया को बताया “हम नल्हर के शिव मंदिर से बाहर ही आए थे, कि हमने बाहर भीड़ को देखा। उनके पास तलवारें, बंदूक और पत्थर थे। वो हमारी तरफ दौड़ रहे थे, और फिर उन्होंने लोगों को मारना शुरू कर दिया। हम पर गोलियां चलाईं गईं। कारों में आग लगाई। इसी दौरान मेरे भाई अभिषेक को भी एक गोली लग गई और वो ज़मीन पर गिर पड़ा।”

महेश ने आगे बताया कि “मेरे भाई को गोली लगी थी। मैं चिल्ला-चिल्लाकर लोगों से मदद मांग रहा था, लेकिन कोई हमारी मदद के लिए पास नहीं था। मैंने कोशिश की कि मैं अभिषेक को वहां से निकालकर सुरक्षित जगह पर ले जाऊं। लेकिन उससे पहले ही एक आदमी आया और उसने अपनी तलवार से अभिषेक की गर्दन काट दी। इसके बाद वो तुरंत वहां से भाग खड़ा हुआ। मैं बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाकर वहां से भागा और एक टेंट में शरण ली।”

13 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज

महेश ने बताया कि इसके एक घंटे बाद पुलिसवाले आए और अभिषेक को अस्पताल ले गए। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। महेश ने अपनी शिकायत में 13 लोगों के नाम लिखवाए हैं। नूह पुलिस स्टेशन में इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302, 248, 249, 307, 324 और आर्म्स एक्ट की धारा 25 के तहत मामला दर्ज़ किया गया है।

अभिषेक के मामा राजेंद्र चौहान ने बताया कि वो परिवार में अकेला कमाने वाला था। वो एक अगस्त की सुबह अभिषेक का शव लेने नूह पहुंचे थे। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि मैं अपनी बहन को क्या बताऊं? उसने 12वीं तक पढ़ाई की थी। परिवार के आर्थिक हालात ठीक नहीं थे। इसके चलते वो कार मैकेनिक का काम करने लगा था।”

गौरतलब है की मेवात के इलाके में 31 जुलाई को बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की ओर से ‘बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा’ निकाली गई थी। इसमें करीब एक हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।

पुलिस ने बताया है कि युवकों के एक समूह ने इस यात्रा को रोका। इसके बाद दोनों पक्षों में झड़प हो गई।फिर पथराव और आगजनी होने लग। देखते ही देखते हिंसा भड़क उठी।

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Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

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