विश्वविद्यालयों और इसी तरह के संस्थानों में स्थायी शैक्षणिक पदों पर महिलाओं की संख्या शैक्षणिक वर्ष 2016-17 में 52,216 से 2020-21 में 61.3% बढ़कर 84,226 हो गई है। इसके अलावा इन पदों पर महिलाओं और पुरुषों के अनुपात में वृद्धि देखी गई है, जो 2016-17 में 53 की तुलना में 2020-21 में 60 तक पहुंच गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सांसदों द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी।
देश में, कुल 84,226 महिलाएं और 140,221 पुरुष स्थायी शैक्षणिक पदों पर कार्यरत हैं, जिनमें विश्वविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के समान संस्थानों में प्रोफेसर और समकक्ष, रीडर और एसोसिएट, व्याख्याता/सहायक प्रोफेसर और प्रदर्शक/ट्यूटर की भूमिकाएं शामिल हैं। उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (AISHE) 2020-21 के अनुसार इनमें से 3,008 महिलाएं और 7,173 पुरुष विशेष रूप से प्रतिष्ठित संस्थानों में स्थायी शैक्षणिक पदों पर हैं।
सरकार ने शैक्षणिक पदों में जेंडर डायवर्सिटी बढ़ाने के लिए कई पहल लागू की हैं। इन प्रयासों में विभिन्न योजनाओं, छात्रवृत्तियों, फ़ेलोशिप और महिला छात्रों और विद्वानों पर लक्षित सक्रिय उपायों के माध्यम से उच्च शिक्षा में महिला भागीदारी को बढ़ावा देना शामिल है। उच्च शिक्षा में शैक्षणिक पदों के लिए योग्य महिला उम्मीदवारों का एक बड़ा समूह अब उपलब्ध है। मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इन पदों पर लिंग विविधता बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा।