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प्रदीप भंडारी नूंह दंगों के पीड़ितों से मिले, देखिए रात 9 बजे अभिषेक चौहान की हत्या की अनटोल्ड स्टोरी

प्रदीप भंडारी नूंह दंगों के हिंदू पीड़ितों के न्याय की लड़ाई लड़ें रहे हैं। अभिषेक चौहान (22 वर्ष) को गोली मार दी गई, उसका गला काट दिया गया और कट्टरपंथी इस्लामी दंगाइयों ने उसका सिर भी कुचल दिया। इस दरिंदगी का असली सच आपके रोंगटे खड़े कर देगा।

पीड़ितों ने प्रदीप भंडारी को बताया कि अभिषेक जैसे ही अपने भाई के साथ शिव मंदिर से बाहर निकले, वैसे ही हमलावर भीड़ को अपनी तरफ बढ़ते देखा। भीड़ के पास तलवारें, बंदूकें और पत्थर थे। भीड़ ने लोगों को पीटना शुरू कर दिया और वाहनों में आग लगा दी।

इसी दौरान हमलावरों ने गोली चला दी, जो अभिषेक को जा लगी। गोली लगते ही अभिषेक जमीन पर गिर पड़े। महेश ने अपने भाई की मदद के लिए लोगों को पुकारा, लेकिन आसपास कोई नहीं था। इसलिए कोई नहीं आया। 25 वर्षीय महेश ने आगे बताया कि वो अपने घायल भाई अभिषेक को कहीं सुरक्षित स्थान पर ले जाने की कोशिश कर रहे थे।

इस बीच भीड़ में से एक हमलावर बाहर आया और उसने अभिषेक की तलवार चलाकर गर्दन काट दी और भाग गया। इसके बाद मुझे भी वहाँ से भागना पड़ा। लगभग 1 घंटे बाद पुलिस वाला आया और अभिषेक को अस्पताल पहुँचाया। तब तक अभिषेक की मौत हो चुकी थी।

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Chandan Kumar Pandey
Chandan Kumar Pandeyhttp://jankibaat.com
Chandan Pandey has 5 year+ experience in journalism field. Visit his twitter account @Realchandan21

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