बीते रविवार को शाहनवाज के परिवार ने तिरंगा लाकर घर पर फहराया। परिवार सदस्यों ने गुहार लगाई गई किसी तरह से शाहनवाज तक पैगाम पहुंचे कि हमारा सबकुछ हिंदुस्तान में है। पाकिस्तान से हमारा कोई वास्ता नहीं है। बेटा आतंक के दलदल से निकलकर घर लौट आए।
बाइस साल पहले शाहनवाज कंठ को आतंकी स्कूल से उठा ले गए थे। आतंकियों ने उसे दहशतगर्दी में झोंक दिया। रविवार को शाहनवाज के परिवार ने तिरंगा लाकर घर पर फहराया। परिवार सदस्यों ने गुहार लगाई गई किसी तरह से शाहनवाज तक पैगाम पहुंचे कि हमारा सबकुछ हिंदुस्तान में है। पाकिस्तान से हमारा कोई वास्ता नहीं है। बेटा आतंक के दलदल से निकलकर घर लौट आए।
किश्तवाड़ के हुलर गांव के रहने वाले अब्दुल रशीद कंठ और उनके दूसरे बेटे हक नवाज कंठ ने रविवार को नगर परिषद अध्यक्ष सज्जाद को फोन कर उन्हें तिरंगा देने की बात कही। नगर परिषद अध्यक्ष सज्जाद उनके घर तिरंगा लेकर पहुंचे और परिवार के सभी सदस्यों ने घर पर शान से तिरंगा लहराया। हकनवाज ने कहा कि शाहनवाज को वर्ष 2000 में आतंकी उठा ले गए थे। पिता अब्दुल रशीद कंठ ने आतंकियों से बेटा लौटाने की गुहार लगाई लेकिन उसे नहीं छोड़ा गया।
वहीं अब्दुल रशीद कंठ ने कहा कि 2015 तक बेटे से कभी कभी संपर्क होता था। उसके बाद से वह बेटे से बात नहीं कर पाए हैं। आजादी के 75 साल पूरे होने पर वे घर पर तिरंगा फहराकर फख्र महसूस कर रहे हैं। बेटे से गुहार लगाना चाहते हैं कि वो किसी भी तरह से घर लौट आए। नगर परिषद के अध्यक्ष सज्जाद नजार ने कहा कि इस परिवार ने फोन कॉल कर तिरंगा मांगा था। पूरे परिवार ने घर पर तिरंगा फहराया है। सज्जाद ने कहा कि वे कामना करते हैं कि शाहनवाज घर लौट आए।