Voice Of The People

वित्त वर्ष 2023 में भारत में बढ़ा रेमिटेंस, 26% बढ़कर 112.5 बिलियन डॉलर हुआ

NRI द्वारा देश में भेजा गया धन (रेमिटेंस) वित्त वर्ष 2023 में 26% बढ़कर लगभग 112.5 बिलियन डॉलर हो गया, जो कोरोना महामारी के बाद विश्व स्तर पर भारतीय प्रोफेशनल्स की मांग में वृद्धि को दर्शाता है। वित्त वर्ष 2022 में भारत में रेमिटेंस 89.1 बिलियन डॉलर था। भारत पिछले कई सालों से वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा रेमिटेंस प्राप्त करने वाला देश बना हुआ है।

वित्त मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार भारत में “पर्सनल ट्रांसफर” में निरंतर और तेज़ गति से वृद्धि हुई है। जो वित्त वर्ष 2021 के दौरान कोरोना महामारी के कारण बाधित हो गई थी। अब पर्सनल ट्रांसफर न केवल फिर से शुरू हो गया है बल्कि इसमें तेजी भी देखने को मिली है।

रेमिटेंस में वृद्धि ऐसे समय में हुई है जब राष्ट्रीय सीमाओं पर FDI प्रवाह (flows) धीमा हो गया है। 14 प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम शुरू करने के बावजूद, भारत ने वित्त वर्ष 2023 में 70.97 बिलियन डॉलर का FDI आकर्षित किया, जो वित्त वर्ष 2022 में हुए 84.8 बिलियन से कम है।

2020-21 के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में इनवार्ड रेमिटेंस में 10 प्रमुख देशों की हिस्सेदारी से पता चला कि कुल रेमिटेंस में 23.4% की हिस्सेदारी के साथ USA टॉप सोर्स था। इसके बाद UAE (18%), UK (6.8%), सिंगापुर (5.7%) और सऊदी अरब (5.1%) का स्थान है।

प्राइवेट रेमिटेंस भारत के करंट अकाउंट्स के लिए एक बड़ा बूस्ट है।

Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

Must Read

Latest