केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 14,903 करोड़ रुपये के परिव्यय (Outlay) के साथ 2025-26 तक पांच साल की अवधि के लिए डिजिटल इंडिया योजना के विस्तार को मंजूरी दे दी।
उन्होंने बताया “यह 2021-22 से 2025-26 तक शुरू होने वाला पांच साल का परिव्यव (Outlay) है। इस पर पहले ही काफी काम हो चुका है। हम मौजूदा योजनाओं को बेहतर, बड़ा और आज की आवश्यकताओं के अनुरूप ढालने और संशोधित करने पर काम कर रहे थे। इसीलिए इस कार्यक्रम को बढ़ाया गया है।”
डिजिटल इंडिया योजना 1 जुलाई 2015 को शुरू किया गया एक व्यापक कार्यक्रम है, और इसमें सभी के लिए आधार, ग्रामीण ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी, सामान्य सेवा केंद्र (CSC), भारत इंटरफ़ेस फॉर मनी (BHIM), आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) और MyGov जैसी योजनाएं शामिल हैं।
बुधवार को स्वीकृत इस विस्तारित योजना के तहत, सरकार सूचना सुरक्षा और शिक्षा जागरूकता चरण कार्यक्रम के तहत लगभग 265,000 लोगों को प्रशिक्षित करने के साथ साथ, फ्यूचर स्किल्स प्राइम प्रोग्राम के तहत 625,000 आईटी प्रोफेशनल्स को फिर से स्किल्ड करेगी।
सरकार संविधान की अनुसूची 8 के तहत सभी 22 भाषाओं में भाषिनी कार्यक्रम का दायरा बढ़ाने के लिए डिजिटल इंडिया फंड का भी उपयोग करेगी। वर्तमान में, भाषिनी, एक AI एनेबल्ड मल्टी लैंग्वेज ट्रांसलेशन टूल है जो 10 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि “राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटर मिशन के तहत पहले से ही तैनात 18 सुपर-कंप्यूटरों के अलावा, सरकार नौ और सुपर-कंप्यूटर जोड़ेगी, उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य टियर-2 और टियर-3 शहरों में 1,200 स्टार्टअप का समर्थन करना भी है।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “सरकार योजना के तहत धन को बेहतर ढंग से आवंटित करने के लिए 2015 से मिली सीख का उपयोग करेगी।