केंद्र सरकार की मोदी कैबिनेट ने सिटी बस संचालन को बढ़ाने के लिए पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दी है। कैबिनेट का कहना है कि बिना संगठित बस सेवा वाले शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी। कैबिनेट के फैसले के अनुसार 169 शहरों में 10,000 ई-बसें तैनात की जाएंगी। ग्रीन अर्बन मोबिलिटी के तहत 181 शहरों में बुनियादी ढांचे को उन्नत किया जाएगा। इसके लिए 57000 करोड़ का आवंटन स्वीकृत किया गया है। इस बजट में 20000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार की ओर से मुहैया कराया जाएगा।
बताया जा रहा है कि अगले 10 सालों के लिए केंद्र सरकार इस योजना का संचालन करेगी। इस योजना के तहत उन शहरों को चुना जाएगा जहां की आबादी 3 लाख या इससे ज्यादा है। सारे केंद्रशासित प्रदेश की राजधानी, उत्तर पूर्व का इलाका और पर्वतीय राज्यों को भी इसमें शामिल किया गया है।
केंद्र सरकार ने इस योजना का नाम पीएम ई-बस सेवा रखा है, जिस पर 77,613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगपीएम ई-बस सेवा योजना को दो खंडों में बांटा गया है। खंड ए में 169 शहरों में सिटी बस सेवाओं का विस्तार करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह योजना ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देगी और सबस्टेशन अधोसंरचना के लिए पूर्ण सहायता प्रदान करेगी। शहरों को ग्रीन अर्बन मोबिलिटी पहल के तहत चार्जिंग सुविधाओं के विकास के लिए भी मदद दी जाएगी। इससे न केवल अत्याधुनिक, ऊर्जा कुशल इलेक्ट्रिक बसों बढ़ेंगी बल्कि ई-मोबिलिटी क्षेत्र में नवाचार के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मजबूत आपूर्ति श्रृंखला भी विकसित होगी।