हिमाचल में भारी बारिश और भूस्खलन से बहुमंजिला इमारतों को खतरा बढ़ गया है। शिमला की लाइफलाइन कहे जाने वाला सर्कुलर रोड हिम लैंड के पास वाहनों की आवाजाही के लिए भी बंद कर दिया गया है। दो दिन पहले हुए भूस्खलन के बाद हिम लैंड में बनी दो बहुमंजिला इमारतों को खतरा पैदा हो गया है। अब इन्हें खाली करवा दिया गया है।
भवन के साथ देवदार के पेड़ भी झुक चुके है। इस खतरे को भांपते हुए प्रशासन ने दोनों भवन खाली करवा दिए है और सर्कुलर रोड पर ट्रैफिक भी रोक दिया है। बसों और बड़े वाहनों की आवाजाही पहले ही बंद कर दी गई थी। अब छोटे वाहनों की आवाजाही भी बंद कर दी है।
पुलिस ने शहर के ट्रैफिक में बदलाव किया है। सोलन व निचले हिमाचल से छोटा शिमला जाने वाले वाहनों को आईएसबीटी होते हुए भेजा जा रहा है जबकि ऊपरी शिमला से आने वाले वाहनों को टालेंड से बाईपास होते हुए भेजा जा रहा है।
बताते चलें कि सबसे ज्यादा नुकसान शिमला और मंडी में हुआ। 11 से 14 अगस्त के बीच बादल फटने और भू-स्खलन की 170 घटनाएं हुईं हैं। करीब 10000 मकानों को नुकसान पहुंचा है। अबतक 70 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इनमें से करीब 20 मौतें अकेले शिमला में हुईं हैं। भारी बारिश और भू-स्खलन की घटनाओं के कारण 500 से ज्यादा पेड़ उखड़ गए हैं। राज्य के 11 जिलों की करीब 857 सड़कों को बुरी तरह नुकसान पहुंचा है। बिजली और पानी की सैकड़ों लाइनें टूट गई हैं। बताया जा रहा है कि चार दिन की आपदा में हिमाचल प्रदेश में 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।