बुधवार 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर भारत को स्पेस एजेंसी इसरो ने इतिहास रच दिया है। भारत के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान 3 ने सफलतापूर्वक चांद के साउथ पोल के करीब सॉफ्ट लैंडिंग कर ली है। इसके साथ ही रोवर प्रज्ञान ने भी मून पर वॉक करना शुरू कर दिया है। लगातार जानकारियां जुटाई जा रही हैं।
इन सभी के बीच एक सवाल सबके मन है की आखिर चंद्रयान 3 की लैंडिंग के लिए इसरो ने साउथ पोल को ही क्यों चुना? जिसका जवाब आज इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने दिया।
मीडिया से बात करते हुए इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि इसरो ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिए चंद्रमा के साउथ पोल को क्यों चुना? “हम साउथ पोल के करीब पहुंच गए हैं, जो लगभग 70 डिग्री पर है। साउथ पोल पर सूरज से कम रोशनी आने की वजह से एक विशिष्ट लाभ है। इसमें चंद्रमा पर काम करने वाले वैज्ञानिकों के लिए ज्यादा संभावनाएं है। चंद्रमा पर काम करने वाले वैज्ञानिकों ने साउथ पोल में बहुत रुचि दिखाई है। क्योंकि अंततः मनुष्य वहां जाकर उपनिवेश बनाना चाहते हैं, और फिर उससे आगे की यात्रा करना चाहते हैं। इसलिए सबसे अच्छी जगह वह है जिसकी हम तलाश कर रहे हैं और दक्षिणी ध्रुव में वह होने की क्षमता है।”
प्रज्ञान रोवर के बारे में बताया
इसरो चीफ ने प्रज्ञान रोवर के बारे में भी बताया, उन्होंने कहा की प्रज्ञान में दो उपकरण लगे हैं। दोनो उपकरण केमिकल कंपोजिशन के अलावा एलिमेंटल कंपोजिशन ढूंढने में भी सक्षम हैं। इसके अलावा प्रज्ञान चांद की सतह पर चहलकदमी करेगा। इसके अलावा हम प्रज्ञान के जरिए भविष्य की एक्सप्लोरेशन के लिए रोबोटिक पाथ प्लानिंग भी कर रहे हैं।
सूर्य मिशन आदित्य एल 1 के बारे में बताया
इसरो चीफ ने भारत के अगले महत्वाकांक्षी मिशन आदित्य एल 1 के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा “सूर्य के लिए आदित्य मिशन इसी सितंबर में लॉन्च के लिए तैयार हो रहा है। गगनयान पर अभी भी काम चल रहा है। हम क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए लगभग सितंबर या अक्टूबर के अंत तक एक मिशन करेंगे, जो कई परीक्षण मिशनों द्वारा फॉलो किया जायेगा। तब तक जब तक कि हम संभवतः 2025 तक पहला मानवयुक्त मिशन पूरा नहीं कर लेते।”