प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा बुधवार को दूसरे दिन भी तमिलनाडु में उद्योगपति रथनम और उनके रिश्तेदारों के घर और दफ्तरों पर छापेमारी जारी है। पिछले दो दिनों में ED पचास से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी को अंजाम दे चुकी है।
कल प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूरे तमिलनाडु में एक साथ प्रमुख रेत खनन ठेकेदारों के कार्यालय और आवासों पर तलाशी अभियान चलाया है। दरअसल, ईडी ने नदी के किनारों से खनन की गई रेत की बिक्री में बड़े पैमाने पर कर चोरी के आरोपों पर यह अभियान चलाया है।
ईडी ने राज्य के 12 अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की। इस तलाशी अभियान में रेत खनन का लाइसेंस रखने वाले उद्योगपति एस रामचंद्रन और डिंडीगुल रथिनम जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं।
सूत्रों ने कहा है कि ईडी ने प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (‘ECIR’) दर्ज की है। जैसे ही न्यूज सामने आई इसे लेकर कई तरह की बातें की जाने लगीं। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योगपति एस. रामचंद्रन और डिंडीगुल रथिनम, जिनके पास रेत खनन लाइसेंस है, जांच एजेंसी के रडार पर हैं। वहीं न्यूज एजेंसी IANS ने कहा कि सेंथिल बालाजी का नाम भी सामने आ रहा है।
IANS की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयंबटूर, करूर और त्रिची में गिरफ्तार मंत्री के करीबी लोगों के आवासों और कार्यालय परिसरों पर छापेमारी की गई है। इसमें कहा गया है कि 14 जून को सचिवालय में उनके आधिकारिक आवास और कार्यालय पर छापेमारी के बाद ED द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद सेंथिल बालाजी पुझल केंद्रीय जेल में बंद हैं।
वहीं एस. रामचंद्रन कथित तौर पर रेत खनन कारोबारी शेखर रेड्डी के साझेदार हैं। साल 2016 में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पुदुकोट्टई में उनके परिसरों पर भी तलाशी ली थी। तब न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि रामचंद्रन कथित तौर पर तमिलनाडु के ‘प्रभावशाली व्यक्तियों’ से जुड़े हुए थे, जिनमें राजनेता और नौकरशाह भी शामिल थे। दुरई मुरुगन, जिनका नाम मीडिया ने मंगलवार की ईडी छापेमारी में रिपोर्ट किया है, सत्तारूढ़ DMK के महासचिव हैं, और एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में खनन विभाग रखते हैं।