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बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह का ममता बनर्जी पर तीखा हमला, बोले- ममता सरकार ने गबन किये गरीब मजदूरों के पैसे, मैं इसकी सीबीआई जाँच कराऊंगा

सोमवार को बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोलते हुए उनकी सरकार को ‘लुटेरी सरकार’ घोषित कर दिया. उन्होंने कहा की केंद्र सरकार की हर योजना का पैसा पक्शिम बंगाल को मिला लेकिन वो गरीबों तक नहीं पहुंचा. सारा पैसा ममता सरकार ने गबन कर लिया है. उन्होंने कहा की मैं इस मामले की सीबीआई जाँच करूँगा.

गिरिराज सिंह ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कहा ‘ममता बनर्जी एक ऐसी मुख्यमंत्री हैं जो देश के अन्दर अराजकता फ़ैलाने का काम करती हैं. उन्होंने मनरेगा के नाम पर जनता को लूटने का काम किया है. मोदी सरकार ने मनरेगा के तहत पिछले 9 सालों में 54 हजार करोड़ रुपये से अधिक रिलीज किये हैं, मगर यूपीए सरकार ने मात्र 14 हजार करोड़ रुपये दिये थे. लेकिन ममता सरकार ने गरीबों के नाम पर 54 हजार करोड़ हजम कर लिए हैं. पीएम आवास के जरिये हमने 45 लाख मकान दिए, 11 लाख मकान और जारी किये हैं, लेकिन जब जांच की गयी तो पता चला जिनको मकान मिलने चाहिए उनको मिले ही नहीं.

उन्होंने कहा ‘मोदी सरकार ने किसी भी स्कीम में पैसे नहीं रोके हैं, हमने कोई भेदभाव नहीं किया. मोदी सरकार ने हर योजना का पैसा बंगाल में पहुँचाया है, लेकिन ममता सरकार ने सारा पैसा गबन कर लिया और जनता तक कुछ नहीं पहुंचा. सबसे बड़ी बात तो ये है की जब आधार सेटिंग किया गया तो पता चला की 25 लाख जॉब कार्ड में हेर फेर की गयी, ममता सरकार 25 लाख मजदूरों के नाम पर पैसा गबन करते रही.

सीबीआई को सौंपेंगे जांच

गिरिराज सिंह ने कहा ‘अब समय आ गया है की इसकी जाँच सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए, क्योंकि जिस प्रकार से जांच में असहयोग ममता सरकार की तरफ से दिखाया गया है वो अपने आप में संदेह का विषय है. मैं मीडिया के माध्यम से ममता बनर्जी को चेतावनी दे रहा हूँ की गरीबों का लूटा हुआ पैसा जनता को वापस करें. 25 लाख फेक जॉब कार्ड जो बनाये उसका पैसा कहाँ गबन किया ये देश की जनता और भारत सर्कार जानना चाहती है.

इसके अलावा गिरिराज सिंह की तरफ से ममता बनर्जी के लिए कई सवाल भी उठाये गए. उनकी तरफ से पूछे गए सवाल हैं…

• क्या यह सच नहीं है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मोदी सरकार ने 30 हजार करोड़ रुपये मकान बनाने के लिए खर्च किये, जबकि यूपीए सरकार ने सिर्फ 4,400 करोड़ रुपये खर्च किये थे ?

• क्या यह सच नहीं है कि पिछले 9 सालों में पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए मोदी सरकार ने करीबन 45 लाख आवास बनाये, जबकि यूपीए सरकार में सिर्फ 15 लाख आवास बने ?

• क्या यह सच नहीं है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपात्र लाभार्थियों को आवास दिया गया ?

• क्या यह सच नहीं है कि 22 जनवरी, 2023 को इंडियन एक्सप्रेस ने अपने फ्रंट पेज पर एक फोटो छापा था, जहां दो मंजिले हवेली के मालिक को भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मुहैया कराया गया था ?

• क्या यह सच नहीं है कि पश्चिम बंगाल के पूर्व वर्धमान, उत्तर 24 परगना तथा दक्षिण 24 परगना जिलों में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत अपात्र परिवारों को सहायता प्रदान की गयी ?

• क्या यह सच नहीं है कि प्रधानमंत्री आवास योजना स्कीम का नाम बदलकर आपने राज्य सरकार में इसे बांग्ला आवास योजना के रूप में दिखाते हुए लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की ?

• क्या यह सच नहीं है कि मोदी सरकार ने मनरेगा के तहत पिछले 9 सालों में 54 हजार करोड़ रुपये से अधिक रिलीज किये हैं, मगर यूपीए सरकार ने मात्र 14 हजार करोड़ रुपये दिये थे ?

• क्या यह सच नहीं है कि मनरेगा के तहत गैर अनुमेय कार्य किये गये, लेकिन ऐसे कार्यों की वसूली नहीं की गयी ?

• क्या यह सच नहीं है कि मनरेगा के पैसे का इस्तेमाल चाय फैक्ट्री ईस्टेट की निजी भूमि पर इस्तेमाल कर प्राइवेट लोगों को फायदा पहुंचाया गया ?

• क्या यह सच नहीं है कि मनरेगा में सभी अनियमितताओं के खिलाफ भारत सरकार ने कई बार पश्चिम बंगाल से ATR (Action Taken Report) की मांग की, मगर वह कभी संतोषजनक रूप से उपलब्ध नहीं करवा पाये ?

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Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

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