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रेलवे में 9.5 साल में हुआ 40 हजार किलोमीटर का विद्युतीकरण, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कैसे हुआ काम

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 9.5 वर्षों में रेलवे में 40 हजार किलोमीटर का विद्युतीकरण हुआ है। आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए हमें अपने ऊर्जा संसाधनों का उपयोग करके अधिक परिवहन करना होगा। पूरे रेलवे का विद्युतीकरण करने के बाद यह संभव हो सकेगा।

अश्विनी वैष्णव ने भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा (आइआरपीएस) सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जब हमारे देश में बिजली बनाई जाती है और रेलवे में उपयोग की जाती है, तो इससे तेल आयात करने का खर्च कम हो जाता है। इस प्रकार मोदी जी की दूरदर्शी सोच परिलक्षित होती है। इसलिए देश को अधिक से अधिक परिवहन को रेलवे की ओर स्थानांतरित करने की आवश्यकता है।

रोलिंग ब्लॉक प्रणाली पर पहले उठते थे सवाल

उन्होंने रेलवे के अधिकारियों से कहा कि इसके लिए बेहतर रखरखाव, बेहतर विश्वसनीयता, बेहतर गति और बेहतर सुरक्षा लाना हम सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है। इसलिए, आप सभी को इसमें पूरा योगदान देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि रेलवे में लगभग एक साल पहले शुरू की गई रोलिंग ब्लॉक प्रणाली पर हर किसी के मन में एक सवाल था। आज हर कोई पूछ रहा है कि ऐसा पहले क्यों नहीं हुआ।

उन्होंने काह कि भारतीय रेलवे में रोलिंग ब्लाक प्रणाली एक अवधारणा है जो दो सप्ताह पहले रखरखाव, मरम्मत और प्रतिस्थापन कार्य की योजना बनाती है। फिर योजना के अनुसार कार्य को अंजाम दिया जाता है। रोलिंग ब्लॉक प्रोग्राम यह सुनिश्चित करता है कि अगले 26-सप्ताह का शेड्यूल हमेशा ज्ञात रहे।

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Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

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