टीएमसी की नेता महुआ मोइत्रा ने संसद से सदस्यता रद्द होने पर मिडिया के सवाल पर कहा कि एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में मेरे लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश के पीछे कारण लॉगिन आईडी शेयर करना बताया गया, लेकिन इसको लेकर कोई नियम नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार ने सोचा कि मुझे चुप कराकर वे अडानी ग्रुप के मुद्दे से छुटकारा पा सकते हैं। मैं आपको यह बता दूं कि इस कंगारू कोर्ट ने पूरे भारत को केवल यह दिखाया है कि आपने जो जल्दबाजी दिखाई उससे पता लगता है कि अडानी ग्रुप आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है. दरअसल, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।
महुआ मोइत्रा ने इस बाबत आगे कहा कि मैंने लॉगइन पोर्टल के जरिए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा किया है। लेकिन भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने दानिश अली को संसद भवन में ही धर्मसूतक शब्द बोले।
बताते चलें कि मोइत्रा पर आरोप है की बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली आचार समिति ने नौ नवंबर को अपनी एक बैठक में मोइत्रा को पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने के आरोपों में लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश वाली रिपोर्ट को स्वीकार किया था।