ईपीएफओ की इनकम में 17.4% की उछाल आई है। इस रिटायरमेंट फंड बॉडी ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में ईपीएफ मेंबर्स को कुल 1.7 लाख करोड़ रुपये डिस्ट्रिब्यूट करने की सिफारिश की है। यह राशि पिछले साल 91,151.7 करोड़ रुपये थी, सूत्रों के अनुसार पहली बार एक लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि वितरित करने का सिफारिश की गई है।
बताते चलें कि मार्च 2022 में ईपीएफओ ने 2021-22 के लिए ब्याज दर घटाकर 8.1% कर दिया था जो 1977-78 के बाद सबसे कम था।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक के बाद कहा कि पीएफ पर ब्याज बढ़ाने का फैसला पीएम नरेंद्र मोदी की देश के वर्कफोर्स की सोशल सिक्योरिटी को मजबूत करने की गारंटी को पूरा करने की दिशा में उठाया गया कदम है।
प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों की बेसिक सैलरी पर 12% की कटौती ईपीएफ अकाउंट के लिए की जाती है। साथ ही कंपनी भी इतना ही पैसा कर्मचारी के पीएफ खाते में जमा करती है। एम्प्लॉयर की तरफ से जमा किए जाने वाले पैसों में से 8.33% हिस्सा ईपीएस में जाता है, जबकि बचा हुआ 3.67% हिस्सा ईपीएफ में जाता है।