बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं ने टीएमसी नेताओं पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। लेकिन बंगाल की ममता सरकार लगातार पीड़ितों की आवाज उठाने वाले को परेशान कर रही है। इस बीच जन की बात के संस्थापक और सीईओ प्रदीप भंडारी ने एक वीडियो के माध्यम से बताया है कि किस तरीके से बंगाल सरकार इस मामले में काम कर रही है।
जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी ने विश्लेषणात्मक वीडियो विश्लेषण में बताया कि पश्चिम बंगाल में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव और 2026 में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव पर संदेशखाली का क्या संभावित प्रभाव हो सकता है।
As Calcutta High Court questions West Bengal government over failure to arrest absconder Shajahan Sheikh, accused of shocking systematic sexual harassment, land grabbing & illegal recruitment, Jan Ki Baat founder Pradeep Bhandari analyses the latest developments in Sandeshkhali &… https://t.co/0iYzhQB1FE
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) February 20, 2024
प्रदीप भंडारी ने कहा कि संदेशखाली बसीरहाट के अंदर आता है और सवाल उठता है कि शेख शाहजहां को इतना प्रोटेक्शन क्यों मिल रहा है। बंगाल की राजनीति में लोकल स्ट्रॉन्ग मैन काफी महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि लोकल संसाधनों का वहीं ख्याल रहते हैं। ये ममता बनर्जी के लिए महत्वपूर्ण हैं।
पूरा वीडियो आप लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं