विनिर्माण और सेवाओं की मजबूत मांग के कारण फरवरी में भारत की व्यावसायिक गतिविधि की वृद्धि दर बढ़कर 7 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। फरवरी के लिए विनिर्माण पीएमआई पिछले महीने के 56.5 से बढ़कर 56.7 हो गया, जो सितंबर के बाद से उच्चतम है, और प्रारंभिक सेवा पीएमआई जनवरी में 61.8 से बढ़कर 62.0 हो गया है।
एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित एचएसबीसी का फ्लैश इंडिया कंपोजिट परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स जनवरी में 61.2 से बढ़कर फरवरी में 61.5 हो गया जो 50 अंक से ऊपर है।
एचएसबीसी के मुख्य भारतीय अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा की भारत के निर्माताओं और सेवा प्रदाताओं के उत्पादन में तेजी की गति फरवरी में 7 महीने के उच्चतम स्तर पर है। नए निर्यात ऑर्डर तेजी से बढ़े हैं खासकर माल उत्पादकों के लिए।
बताते चलें कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2023-24 की पहली छमाही में हासिल की गई गति को बरकरार रखे हुए है और कॉर्पोरेट क्षेत्र द्वारा पूंजीगत व्यय के एक नए दौर से अगले चरण को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।