यूबीएस सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि माल व्यापार घाटे में सुधार, शुद्ध सेवा प्राप्तियों में सुधार, प्रेषण में वृद्धि और व्यापक आर्थिक स्थिरता के कारण वित्त वर्ष 2024 में भारत का चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद के एक प्रतिशत से कम होने की उम्मीद है।
बताते चलें कि रिर्पोट का अनुमान है की सीएडी मामूली रूप से बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद का 1.3 प्रतिशत हो जाएगा। अनुमान है कि भारत वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों को $90/बीबीएल तक बनाए रख सकता है, बाकी सब अपरिवर्तित रहेगा।
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में दोहरे अंकों में सबसे अधिक 11.6% की वृद्धि दर दर्ज की गई, जबकि निर्माण क्षेत्र में 9.5% की वृद्धि हुई। बीते अक्टूबर-दिसंबर में कृषि में 0.8% की गिरावट दर्ज की गई।
निजी अंतिम उपभोग व्यय उपभोग मांग का एक संकेतक, अक्टूबर-दिसंबर में साल-दर-साल 3.5% बढ़ गया, जबकि सरकारी अंतिम उपभोग व्यय में 3.2% की कमी आई।