जब से चुनाव आयोग की वेबसाइट पर इलेक्टोरल बांड का डाटा सार्वजनिक हुआ है, उसके बाद से ही तूफान मचा हुआ है। विपक्षी दल इसे स्कैम बता रहे हैं लेकिन इलेक्टोरल बॉन्ड से लगभग हर दल ने पैसा लिया है। प्रदीप भंडारी ने कहा कि ऐसे में अगर यह स्कैम होता तो विपक्षी दलों ने पैसा क्यों लिया?
प्रदीप भंडारी ने कहा कि इलेक्टरल बॉन्ड से पता चलता है कि कांग्रेस, टीएमसी और डीएमके को भी बड़ी मात्रा में धन मिला है। प्रदीप भंडारी ने कहा, “जो पार्टी सत्ता में होती है उसे ज्यादा चंदा मिलता है। ऐसे में बीजेपी को ज्यादा चंदा मिलना स्वाभाविक था। लेकिन टीएमसी, कांग्रेस और डीएमके को भी कम नहीं मिला है। इलेक्टरल बॉन्ड के तहत कांग्रेस को 60 फीसदी से अधिक, टीएमसी को 90 फ़ीसदी से अधिक चंदा मिला है जबकि भाजपा को उसका 50 फीसदी चंदा बॉन्ड के तहत मिला है।”
'How can Congress & other opposition leaders call Electoral Bonds a scam when their own party has benefitted from it ahead of various elections?'
Watch Pradeep Bhandari's Lead on tonight's #ElectoralBond debate on #TaalThokKe on @ZeeNews.@pradip103 #ElectoralBondCase pic.twitter.com/Y8YgCMgWxZ
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) March 15, 2024
प्रदीप भंडारी ने आगे कहा, “भाजपा देश के 55 फ़ीसदी क्षेत्र में शासन कर रही है। लेकिन टीएमसी तो केवल एक राज्य में शासन कर रही है और उसे 1600 करोड़ रुपए का चंदा इलेक्टोरल बांड के तहत मिला है। कुछ राजनीतिक दल 2024 का चुनाव इलेक्टोरल बॉन्ड के सहारे लड़ना चाहते थे लेकिन अब लगता है उनकी लड़ाई कमजोर हो गई है। कहीं ऐसा तो नहीं है कि खोदा पहाड़ और निकली चुहिया।”