प्राइवेट क्षेत्र में तीव्र वृद्धि के कारण भारत के निजी क्षेत्र की गतिविधि मई में गति पकड़ रही है, जो 18 वर्षों में सबसे बड़ी वृद्धि है। एचएसबीसी द्वारा जारी एक सर्वेक्षण के अनुसार, चर्चा में आए महीने में सितंबर 2006 के बाद से रोजगार सृजन में सबसे तेज वृद्धि देखी गई। सर्वेक्षण में बताया गया कि मुख्य फ्लैश कम्पोजिट पीएमआई पिछले महीने के 61.5 की तुलना में बढ़कर 61.7 हो गया।
बताते चलें कि नवीनतम वृद्धि की व्याख्या करते समय, सर्वेक्षण प्रतिभागियों ने सफल विज्ञापन, दक्षता में वृद्धि, नए काम की मजबूत भर्ती और मांग की ताकत का हवाला दिया। प्राइवेट सेवा फर्मों ने व्यावसायिक गतिविधि में तेज वृद्धि दर्ज की गई जो चार महीनों में सबसे तेज थी। जबकि फैक्ट्री उत्पादन फरवरी के बाद से सबसे धीमी गति से बढ़ा।
एचएसबीसी के भारत के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा कि मई में समग्र पीएमआई में वृद्धि हुई, जो करीब 14 वर्षों में तीसरी सबसे मजबूत रीडिंग है, जिसे सेवा क्षेत्र में तीव्र वृद्धि से समर्थन मिला है। हालांकि नए ऑर्डरों और उत्पादन में मंदी के कारण मई में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि थोड़ी धीमी रही।