आरबीआई ने गुरुवार को जून की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट एफएसआर जारी करते हुए कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का जीएनपीए अनुपात कई वर्षों के निचले स्तर 2.8 प्रतिशत पर आ गया, जबकि शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्ति अनुपात मार्च, 2024 के अंत में 0.6 प्रतिशत रहा।
एफएसआर रिपोर्ट के मुताबिक ऋण जोखिम के लिए व्यापक तनाव संबंधी परीक्षणों से पता चलता है कि वाणिज्यिक बैंक न्यूनतम पूंजी जरूरतों का अनुपालन करने में सक्षम होंगे।
वित्त वर्ष के अंत में प्रणालीगत सीआरएआर बेसलाइन, मध्यम और गंभीर तनाव परिदृश्यों के तहत 16.1 प्रतिशत, 14.4 प्रतिशत और 13.0 प्रतिशत होने का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार ये परिदृश्य काल्पनिक झटकों के तहत किए गए कठोर रुढ़िवादी आकलन हैं और परिणामों की व्याख्या पूर्वानुमान के तौर पर नहीं की जानी चाहिए।
हालांकि एफएसआर रिपोर्ट कहती है कि इन चुनौतियों के बावजूद वैश्विक वित्तीय प्रणाली जुझारू बनी हुई है और वित्तीय स्थितियां स्थिर हैं। गुरुवार को जारी एफएसआर रिपोर्ट की प्रस्तावना में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्तीय प्रणाली के सभी हितधारकों से कहा है कि वे संचालन व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।