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रोजगार के मोर्चे पर मोदी सरकार को बड़ी सफलता, जानें क्या कहता है आरबीआई का डाटा

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 8 जुलाई को जारी आंकड़ों से पता चला है कि वित्त वर्ष 2024 में भारत ने पिछले वर्ष की तुलना में 2.5 गुना अधिक नौकरियां जोड़ी हैं। कार्यबल में कुल 46.7 मिलियन की वृद्धि 1981-82 के बाद से सबसे अधिक थी। साथ ही 6 प्रतिशत की वृद्धि दर भी पिछले तीन दशकों से अधिक थी। देश में उल्लेखनीय नौकरी वृद्धि तब हुई जब वित्त वर्ष 2024 में उत्पादन वृद्धि पिछले वर्ष के 6.6 प्रतिशत की तुलना में मामूली रूप से 6.7 प्रतिशत अधिक थी। भारतीय रिजर्व बैंक का KLEMS डेटाबेस रोजगार संख्या की गणना के लिए सरकार के आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण का उपयोग करता है।

पिछले महीने सरकार द्वारा जारी औपचारिक रोजगार के आंकड़ों से पता चला है कि वित्त वर्ष 2024 में 31 मिलियन से अधिक लोग पहली बार औपचारिक कार्यबल में शामिल हुए। इनमें से 21 मिलियन कर्मचारी राज्य बीमा निगम में शामिल हुए, और अन्य 10 मिलियन कर्मचारी भविष्य निधि योजना में शामिल हुए।

आगे के डेटा विश्लेषण से पता चलता है कि 2022-23 में, जो 19 मिलियन नौकरियां जोड़ी गईं, उनमें से पांच में से तीन कृषि, निर्माण और अन्य सेवाओं में गईं। व्यापार में नौकरी में वृद्धि का दसवां हिस्सा शामिल है। देश के कुल रोज़गार में कृषि का हिस्सा 42.4 प्रतिशत है, जबकि अन्य 12.5 प्रतिशत निर्माण में कार्यरत हैं।

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