केरल के कोवलम बीच के पास भारत के पहले ट्रांस-शिपमेंट अडानी ग्रुप के विझिनजाम बंदरगाह पर गुरुवार को पहला जहाज आया। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी मर्क्स के जहाज ‘सैन फर्नांडो’ ने 2,000 से अधिक कंटेनरों के साथ बंदरगाह पहुंच कर इतिहास रच दिया। इस विशाल जहाज को पारंपरिक सलामी दी गई, जिसके बाद यह सफलतापूर्वक बर्थ पर पहुंच गया।
इस मौके पर अडानी ग्रुप के चेयरमैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “आज का दिन ऐतिहासिक रहा, विझिनजाम पोर्ट ने अपने पहले कंटेनर वेसल का स्वागत किया है। ये ग्लोबल ट्रांसशिपमेंट सेक्टर में भारत की एंट्री का मील का पत्थर है। इसके साथ ही भारत समुद्री लॉजिस्टिक्स के नए युग में प्रवेश कर गया है। विझिनजाम ग्लोबल ट्रेड रूट में एक बड़े पोर्ट के रूप में स्थापित होगा। जय हिंद।”
Historic Day as Vizhinjam welcomes its 1st container vessel! This milestone marks India's entry into global transshipment and ushers in a new era in India's maritime logistics, positioning Vizhinjam as a key player in global trade routes. Jai Hind! pic.twitter.com/2LO97NuUYt
— Gautam Adani (@gautam_adani) July 11, 2024
इस दौरान केरल के पोर्ट मंत्री वी.एन. वासवन, अडानी पोर्ट के अधिकारी और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जिन्होंने शिप का स्वागत किया। हालांकि आधिकारिक समारोह शुक्रवार को होगा, जिसमे केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड (एपीएसईजेड) के प्रबंध निदेशक करण अडानी मौजूद रहेंगे।
केरल पोर्ट के कारण भारत दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाजों के नक्शे पर आ जाएगा। अब तक, दुनिया के कुछ बड़े कंटेनर शिप भारत नहीं आ पाते थे। ऐसे जहाजों को संभालने के लिए देश के बंदरगाह पर्याप्त गहरे नहीं थे। ये जहाज भारत के बजाय कोलंबो, दुबई या सिंगापुर जैसे बंदरगाहों पर पहुंचते थे। अब ये जहाज केरल के विझिंजम पोर्ट पर आ सकेंगे।
अडानी ग्रुप द्वारा संचालित इस बंदरगाह का टार्गेट सालाना 10 लाख कंटेनरों को संभालना है। इससे रोजगार के मौके तो बढ़ेंगे ही, साथ में निवेश भी आकर्षित होगा।