चालू वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में भारतीय निर्यात लचीला रहा, क्योंकि दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स, इंजीनियरिंग सामान, कार्बनिक और अकार्बनिक रसायनों और रेडीमेड कपड़ों जैसे मुख्य निर्यात वस्तुओं में सकारात्मक वृद्धि देखी गई।
एक रिपोर्ट के अनुसार श्रम प्रधान निर्यात श्रेणी में, कालीन, हथकरघा उत्पाद, मानव निर्मित उत्पाद, प्लास्टिक और लिनोलियम और रेडीमेड कपड़ों में वृद्धि सकारात्मक थी, लेकिन पिछले महीने की तुलना में धीमी थी।
हस्तनिर्मित कालीन और फर्श कवरिंग, चमड़ा और चमड़े के उत्पादों सहित जूट विनिर्माण जैसी अन्य श्रेणियों में संकुचन दर्ज किया गया। बताते चलें कि जून में पेट्रोलियम निर्यात में साल-दर-साल 18.3 फीसदी और महीने-दर-महीने 18.5 फीसदी की गिरावट आई।
जबकि तेल निर्यात में गिरावट आई, ऐसे समय में घरेलू मांग को पूरा करने के लिए तेल आयात सकारात्मक था जब स्थानीय रिफाइनरियां अपनी क्षमता से ऊपर काम कर रही थीं।