प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वन रैंक वन पेंशन (OROP) योजना के क्रियान्वयन को लेकर बयान दिया। बता दें कि OROP योजना के तहत सशस्त्र बलों के कर्मियों को समान रैंक और सेवा अवधि के लिए समान पेंशन का भुगतान किया जाता है। सोशल मीडिया साइट X पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीदों को याद किया और कहा कि OROP उनके बलिदान और साहस को श्रद्धांजलि देने का एक तरीका है। उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा, “इस दिन OROP को लागू किया गया था। यह हमारे दिग्गजों और पूर्व सैन्य कर्मियों के साहस तथा बलिदान को श्रद्धांजलि थी, जिन्होंने हमारे देश की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। OROP को लागू करने का निर्णय इस लंबे समय से चली आ रही मांग को संबोधित करने और हमारे देश के हीरो के प्रति हमारी कृतज्ञता की पुष्टि करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।”
पीएम मोदी ने आगे लिखा, “यह जानकर आप सभी को खुशी होगी कि पिछले एक दशक में लाखों पेंशनभोगियों तथा पेंशनभोगी परिवारों को इस ऐतिहासिक पहल से लाभ मिला है। ओआरओपी हमारे सशस्त्र बलों की भलाई के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है। हम अपने सशस्त्र बलों को मजबूत करने और हमारी सेवा करने वालों के कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए हमेशा हर संभव प्रयास करेंगे।”
ओआरओपी को लागू करने का निर्णय नरेंद्र मोदी सरकार ने 7 नवंबर, 2015 को लिया था, जिसका लाभ 1 जुलाई, 2014 से प्रभावी है।ओआरओपी सशस्त्र बलों की लंबे समय से चली आ रही पुरानी मांग थी तथा इसका तात्पर्य है कि समान रैंक के सेवानिवृत्त सैनिक, जो समान सेवा अवधि के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं, उनको उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि तथा वर्ष के बावजूद समान पेंशन मिलेगी।