प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि कैसे 2015 में शुरू हुई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) आज देश के करोड़ों छोटे कारोबारियों के लिए उम्मीद की किरण बन चुकी है। मुद्रा योजना के 10 साल पूरे होने के मौके पर उन्होंने कहा कि हमने फंडिंग को गरीबों तक पहुंचाया, क्योंकि हमें उनकी काबिलियत पर भरोसा था। पीएम मोदी ने बताया कि पिछले 10 सालों में मुद्रा योजना के तहत अब तक 52 करोड़ से ज्यादा लोन दिए जा चुके हैं, जिनकी कुल वैल्यू 33 लाख करोड़ रुपये है. यह लोन छोटे दुकानदारों, महिलाओं, गांव-कस्बों के युवाओं और उन लोगों को मिले हैं, जिनके पास पहले फॉर्मल बैंकिंग का कोई एक्सेस नहीं था।
पीएम मोदी ने कहा कि जब स्कीम लॉन्च हुई थी, तब कई लोगों ने इसे लेकर शंका जताई थी कि इतने छोटे कर्जदार लोन चुकाएंगे नहीं। लेकिन आज NPA यानी बकाया लोन की दर सिर्फ 3.5% है , जो दुनिया में इस सेगमेंट में सबसे कम मानी जा रही है। स्कीम का फायदा सबसे ज्यादा एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं को मिला है। पीएम मोदी के मुताबिक, करीब 70% लोन महिलाओं को दिए गए हैं और आधे से ज्यादा लोन वंचित वर्गों को। इसके लिए किसी को गारंटी देने की जरूरत नहीं पड़ी, जिससे महिलाएं और छोटे व्यापारी बिना डर के आगे बढ़ सके।
पीएम मोदी ने कहा कि मुद्रा ने गांवों में लोकल बिजनेस और रोजगार की संभावनाएं बढ़ाई हैं। उन्होंने कहा, “अब छोटे शहरों के युवा बड़े शहरों की तरफ पलायन करने की बजाय अपने शहर में रहकर ही रोजगार पा रहे हैं। मुद्रा के जरिए जिन लोगों ने बैंक अकाउंट खुलवाया था, आज वे क्रेडिट हिस्ट्री बनाकर आगे और बड़े लोन ले पा रहे हैं। यह सिर्फ एक स्कीम नहीं, बल्कि आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।”