दुनियाभर की अर्थव्यवस्था इस समय चुनौतियों से गुजर रही है। नीतियों में अनिश्चितता और कमजोर कन्ज्यूमर सेंटिमेंट ने ग्लोबल ग्रोथ को धीमा कर दिया है लेकिन इस माहौल में भी भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती दिखा रही है। आरबीआई ने अपने ताजा बुलेटिन में यह बात कही है। आरबीआई के मुताबिक, अप्रैल महीने में इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर से जुड़े हाई-फ्रिक्वेंसी डेटा पॉजिटिव रहे। इसका मतलब है कि इन सेक्टर्स में अभी भी अच्छी ग्रोथ बनी हुई है।
जुलाई 2019 के बाद से हेडलाइन सीपीआई महंगाई लगातार कम हो रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह है खाने-पीने की चीजों की कीमतों में कमी आना है। अप्रैल 2024 में कृषि और ग्रामीण मजदूरों के लिए महंगाई की दर पहले की तुलना में काफी कम हो गई। कृषि मजदूरों के लिए सीपीआई-एएल घटकर 3.48% और ग्रामीण मजदूरों के लिए सीपीआई-आरएल घटकर 3.53% हो गई, जो पिछले साल इसी महीने में 7% के करीब थी। इसका फायदा गरीब और ग्रामीण परिवारों को मिला।
अप्रैल में भारत के फाइनेंशियल मार्केट्स में थोड़ा उतार-चढ़ाव रहा, लेकिन मई के तीसरे हफ्ते से सुधार दिखने लगा। अमेरिकी टैरिफ घोषणाओं की वजह से बाजार थोड़े समय के लिए गिरे थे, लेकिन कुछ बैंक और फाइनेंशियल कंपनियों की शानदार तिमाही रिपोर्ट आने के बाद बाजार में फिर से जान आ गई।