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मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों का असर, विदेशी मुद्रा भंडार में हुई बढ़ोतरी

पिछले दिनों भारतीय शेयर बाजार में फिर से तेजी दिखी और उसकी वजह शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की एक बार फिर से वापसी बतायी जा रही है। इसका असर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर भी पड़ा है। तभी तो बीते 23 मई को समाप्त सप्ताह के दौरान अपने विदेशी मुद्रा भंडार में 6.9 अरब डॉलर की भारी बढ़ोतरी हुई है। इससे एक सप्ताह पहले विदेशी मुद्रा भंडार में 4.9 अरब डॉलर की कमी हुई थी।

हालांकि विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा विदेशी मुद्रा संपत्ति (FCA) से आता है, जो कि 586.167 अरब डॉलर है, लेकिन भारत का स्वर्ण भंडार भी महत्वपूर्ण है, जो इस समय 83.582 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। RBI के आंकड़ों के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक ने 2021 के बाद से अपने स्वर्ण भंडार को काफी बढ़ाया है, और अब यह लगभग दोगुना हो चुका है।

भारतीय रिजर्व बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार को व्यवस्थित करने के लिए नियमित रूप से मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करता है, खासकर रुपये की स्थिति को मजबूत बनाए रखने के लिए। जब रुपया मजबूत होता है, तो RBI डॉलर खरीदता है, और जब रुपया कमजोर होता है, तो डॉलर बेचा जाता है।

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