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Emergency को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस पर किया हमला, बोले- अगर कांग्रेस में जरा भी लोकतांत्रिक मूल्य बचा है तो माफी मांगनी चाहिए

आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश में आपातकाल लगाने के लिए आधिकारिक तौर पर माफी नहीं मांगी है और अगर तानाशाह गांधी-वाड्रा परिवार में जरा भी लोकतांत्रिक मूल्य बचा है तो उन्हें 50 साल पहले आपातकाल लगाने के लिए देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।”

प्रदीप भंडारी ने कहा, “गांधी-वाड्रा परिवार ने इस देश के संविधान की हत्या की, लोकतंत्र को खत्म किया और बुनियादी अधिकारों को छीना। यह सब अपनी सत्ता को बचाने के लिए किया गया। तानाशाह गांधी-वाड्रा परिवार ने आपातकाल लगाकर हमारे देश की आत्मा, हमारे संविधान को खत्म कर दिया। यह सिर्फ इसलिए किया गया क्योंकि इंदिरा गांधी अपनी कुर्सी बचाना चाहती थीं। आज जो लोग संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं, वही परिवार है जिसने आपातकाल के दौरान 1 लाख से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया, अधिकार छीने, 30 लाख से ज्यादा गरीबों की नसबंदी की। जिस तरह अंग्रेजों ने स्वतंत्रता सेनानियों को जेल में डाला था, उसी तरह इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र के लिए लड़ने वाले हर व्यक्ति को मीसा के तहत गिरफ्तार करने का प्रयास किया, उनमें से कई गिरफ्तार भी हुए।”

प्रदीप भंडारी ने आगे कहा, “यह वह दिन भी है जो हमें याद दिलाता है कि 50 साल पहले कांग्रेस ने हमारे लोकतंत्र पर सबसे बड़ा प्रहार कैसे किया। जस्टिस एचआर खन्ना को सीजेआई नहीं बनने दिया गया, 39वां संशोधन लाया गया और सरकार को सारे अधिकार देने का प्रयास किया गया। सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को प्रताड़ित किया गया।”

इमरजेंसी में पीएम मोदी के योगदान का जिक्र करते हुए प्रदीप भंडारी ने कहा, “पीएम मोदी उस समय संघ के कार्यकर्ता थे। उन्होंने आपातकाल विरोधी साहित्य बनाया उन्होंने कहा कि देश के कोने-कोने तक पहुंचें। कांग्रेस पार्टी ने देश में आपातकाल लगाने के लिए आधिकारिक तौर पर माफी नहीं मांगी है। यह दर्शाता है कि अब भी कांग्रेस का चरित्र और नीति लोकतंत्र विरोधी और संविधान की हत्या करने वाली है। जब भी कांग्रेस सत्ता में आती है, लोकतंत्र कमजोर होता है और जब भी वह सत्ता से बाहर जाती है, लोकतंत्र मजबूत होता है। कांग्रेस तय करती थी कि आप क्या बोलेंगे, क्या खाएंगे, क्या सोचेंगे और क्या नहीं बोलेंगे। अगर कांग्रेस में जरा भी लोकतंत्र बचा है, अगर तानाशाह गांधी-वाड्रा परिवार में जरा भी लोकतांत्रिक मूल्य बचे हैं, तो उन्हें 50 साल पहले आपातकाल लगाने के लिए देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।”

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