प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष में गए भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बातचीत की। इस दौरान पीएम मोदी ने शुभांशु से कहा कि आपको पृथ्वी मां की परिक्रमा लगाने का सौभाग्य मिला है। आज आप भले ही भारतभूमि से दूर हैं लेकिन भारतवासियों के दिल के सबसे करीब हैं। आपके नाम में भी शुभ है और आपकी अंतरिक्ष की यात्रा भी शुभ रही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस समय भले ही सिर्फ हम दोनों बात कर रहे हैं, लेकिन मेरे साथ 140 करोड़ भारतवासियों की भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं, मेरी आवाज में सभी भारतीयों का उत्साह और उमंग शामिल है। पीएम मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए मैं आपको बधाई देता हूं।
पीएम मोदी से बातचीत के दौरान शुभांशु ने कहा इस वक्त मैं 28000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा हूं। और वो अंतरिक्ष में 16 बार सूर्य उदय और अस्त देखते हैं। शुभांशु ने कहा कि जब पहली बार हम अंतरिक्ष में पहुंचे तो पहला विचार मेरे में मन आया कि पृथ्वी एक सी होती है। बाहर से कोई सीमा रेखा नहीं दिखाई देती। अंतरिक्ष से भारत बहुत भव्य दिखता है। अर्थ हमारा घर है।
शुभांशु शुक्ला ने कहा कि अंतरिक्ष में सब कुछ अलग है। यहां आते ही सब कुछ बदल गया। छोटी-छोटी चीजें बदल जाती हैं। अभी मैंने अपने पैरों को बांध रखा है। यहां सोना सबसे बड़ा चैलेंज हैं। मेरा मानना है कि भारत बहुत आगे बढ़ रहा है। शुभांशु शुक्ला ने कहा कि जितना माइंड हमारा शांत रहेगा है, हम उतनी जल्दी चीजों को समझेंगे।
पीएम मोदी ने कहा, “आज मैं विश्वास से कह सकता हूं कि ये भारत के गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय है। आपकी ये ऐतिहासिक यात्रा सिर्फ अंतरिक्ष तक सीमित नहीं है, ये हमारी विकसित भारत की यात्रा को तेज गति और नई मजबूती देगी।प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब दुनिया के लिए स्पेस की नई संभावनाओं के द्वार खोलने जा रहा है। अब भारत सिर्फ उड़ान नहीं भरेगा, भविष्य में नई उड़ानों के लिए मंच तैयार करेगा। शुभांशु, चंद्रयान की सफलता के बाद देश के बच्चों में, युवाओं में विज्ञान को लेकर एक नई रुचि पैदा हुई, अंतरिक्ष को एक्सप्लोर करने का जज्बा बढ़ा। अब आपकी ये ऐतिहासिक यात्रा उस संकल्प को और मजबूती दे रही है। आज बच्चे सिर्फ आसमान नहीं देखते, वे ये सोचते हैं कि मैं भी वहां पहुंच सकता हूं। यही सोच, यही भावना हमारे भविष्य के स्पेस मिशन की असली बुनियाद है।”