“We want terrorism in Kashmir to get eliminated: no sympathy, no compromise” Watch Jan Chaupal in Delhi with Pradip BhandariPradip BhandariAkriti BhatiaPrins Bahadur Singh Rahul Kumar Anushree M Rastogi Md Tahseen Raza Dev Kaushik#JanKiBaatonKashmir #BJPdumpsPDP #Kashmir #New #Recent #Chaupal #PublicOpinion
Posted by Jan ki Baat on Wednesday, June 20, 2018
2015 में जब भाजपा और पीडीपी ने गठबंधन की सरकार बनाई थी, तब भी कई बुद्धजीवियों ने अपने बयानों में कहा था कि ये साथ ज्यादा दिन नही चल पाएगा और अंत में वही हुआ। 19 जून 2018 को भाजपा ने पीडीपी के साथ अपने गठबंधन को तोड़ते हुए गठबंधन की इस सरकार को गिराने का फैसला लिया। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के नेशनल जनरल सेक्रेटरी राम माधव ने बीजेपी के दिल्ली हेडक्वार्टस में एक प्रेस कान्फ्रेंस के जरिए इसकी गठबंधन की जानकारी दी। प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान राम माधव ने कहा कि ’हमने बहुत कोशिश की जम्मू और कश्मीर में इस गठबंधन के जरिए अमन शांति बनाए रखने की लेकिन लगातार प्रयासों के बाद भी ये मुमकिन नही हो सका। बता दें कि जम्मू कश्मीर में भाजपा के पास 25 सीटें थी तो वही पीडीपी के पास 28 सीटें थी जिन्हे साथ मिलाकर 2015 में दोनो पार्टियों ने सरकार बनाने का फैसला लिया था। देखा जाए तो देश के बाकि हिस्से जहॉं आतंकवाद, नक्सलवाद जैसे असामाजिक गतिविधियॉं यूपीए सरकार के कार्यकाल के तुलना में कई हद तक कम हुई हैं। चाहें वो उत्तरी-पूर्व के राज्य हों जहॉं लगातार म्यांमार से घुसपैठ, कत्लेआम और ब्लात्कार जैसी वारदातें हुआ करती थी, उस पर सरकार और सेना के लगातार प्रयासों की वजह से खासी कमी देखने को मिली है। जबकि वैसा ही हाल नक्सल प्रभावी क्षेत्रों में सेना की बदोलत देखने को मिला है। इससे ये साफ होता है कि जहॉं सेना के फैसलों के बीच में राजनितिक दखल कम दी जाती है वहॉं सेना अपने प्रयासों को सही अंजाम दे पाती है।
भाजपा द्वारा जम्मू कश्मीर में सरकार गिराने की बात के सामने आते ही देशभर में हर तरफ एक ही बात होने लगी, हर चाय की स्टॉल पर चर्चा इसी बारे में होने लगी, हर कोई अपनी राय एक-दूसरे को बताने लगे।
इसी बीच जन की बात टीम निकली जनता के बीच और जानी उन सभी राय, पूछा उनसे कि क्या लगता है? क्यों तोड़ा गया इस सरकार को? क्या ये सही फैसला था? केंद्र सरकार क्या अब अपने जवानों को भरपूर सुरक्षा और फैसला लेने का अधिकार दे पाएगी?
जन की बात टीम ने दिल्ली का दिल कहे जाने वाले क्नॉट पेलैस में पालिका बाजार के नज़दीक जन चौपाल का आयोजन किया। इस दौरान जन की बात फाउंडर सीईओ प्रदीप भंडारी के साथ फांउडिंग पार्टनर आकृति भाटिया के साथ पूरी टीम ने जनता के बीच में जाकर उनसे बात कि और जानी उनकी राय। जहॉं कुछ लोगो को लगता है कि कश्मीर में अमन शांति होनी ही चाहिए भले ही वो किसी भी तरह से क्यों ना आए और अगर कोई इस अमन शांति में अटकलें लगाता है तो सरकार को सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, भले ही इसके लिए सरकार गिरानी पड़े, बनानी पड़े या राष्ट्रपति शासन ही क्यों ना लगाना पड़े। ऐसे में कुछ लोगो को जब हमने पूछा कि क्या रवैया रखना चाहिए अब सरकार को कश्मीर की तरफ और इस तरह से दिन पर दिन बढ़ रहे आतंकवाद कि तरफ तो लोगो ने कहा कि अब तो बात करने लायक कुछ बचा ही नही है अब सरकार को सीधे कार्रवाई करनी चाहिए। भीड़ में मौजूद काफी लोगो की राय लगभग एक सामान ही थी क्योकि अधिकतर लोगो को लगता है कि भाजपा ने गठबंधन की सरकार को तोड़ अच्छा किया क्योकि इस सरकार की वजह से भारतीय सेना अपनी खुद की रक्षा नही कर पा रही थी तो देश की कैसे रखती।