लद्दाख में हुए भारत चीन सीमा विवाद के बाद भारत लगातार सीमा पर अपनी सुरक्षा संबंधी सभी जरूरतों को तेजी से पूरा कर रहा है। वही भारत सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तेजी से पूरा कर रहा है। भारत के कड़े रुख के बाद चीन ने गलवान घाटी से अपनी सेना को वापस बुला लिया था।
जिसके बाद भारत भविष्य में हर संभव स्थिति से निपटने के लिए अपने आप को मजबूत कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के लगातार लद्दाख दौरे इस बात का पुख्ता प्रमाण है कि, भारत अपनी सीमाओं को लेकर बहुत ज्यादा गंभीर है।
वही आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एयर फोर्स कमांडर्स की कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए हैं। यहां रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख में वायु सेना के रोल की खुलकर तारीफ की और कहा कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है। अगर भारत-चीन के बीच युद्ध की स्थिति बनती है तो वायुसेना को शार्ट नोटिस पर ही सभी तैयारी कर लेनी है।
गौरतलब है कि लद्दाख में भारत चीन सीमा विवाद के बाद भारतीय वायु सेना क्षेत्र में लगातार अपनी मौजूदगी दुश्मन को दर्ज करवाती रही है। विवाद योई तुरंत बाद भारतीय वायुसेना ने अपने फाइटर जेट्स और अटैकिंग हेलिकॉप्टर जैसे अपाचे की तैनाती एलएसी पर कर दी थी। इसके साथ ही वायुसेना ने जवानों और जरूरी हथियारों को एयर लिफ्ट किया था।
रक्षा मंत्री ने भारतीय वायु सेना की तत्परता और सीमाओं की सुरक्षा के लिए वायुसेना की ओर से उठाए जा रहे कदमों की तारीफ की
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वायु सेना के कमांडरों से कहा कि सशस्त्र बलों को शॉर्ट नोटिस पर जवाब देने के लिए तैयार रहने के साथ-साथ लंबे समय में किसी भी हमले को रोकने के लिए सैन्य क्षमताओं को बनाए रखने की जरूरत है।