अमन वर्मा,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ‘पारदर्शी कर निर्धारण -ईमानदारों का सम्मान’ के लिए मंच का शुभारंभ किया जिसका उद्देश्य अनुपालन में ढील, रिफंड में तेजी लाना,और ईमानदार करदाताओं को लाभ पहुंचाना है।
मंच की तीन मुख्य विशेषताएं फेसलेस मूल्यांकन, फेसलेस अपील और कर दाता हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कर प्रणाली को लोगों के केंद्रित और सार्वजनिक बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमे प्रधानमंत्री ने कहा “बैंक रहित लोगों को बैंक से जोड़ना, असुरक्षित को सुरक्षित करना, वित्तविहीन और निष्ठावान लोगों को सम्मानित करना।”
मोदी के अनुसार, कर प्रणाली में बदलाव के लिए जिम्मेदार चार कारक थे-संचालित शासन, लोगों का ईमानदारी में विश्वास, उन्नत तकनीक का उपयोग और नौकरशाही में दक्षता। आगे प्रधानमंत्री ने कहा “जहां जटिलता है, अनुपालन में समस्या है।”
ईमानदार करदाताओं की भूमिका की प्रशंसा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा: “जब देश के एक ईमानदार करदाता का जीवन आसान हो जाता है, वह आगे बढ़ता है और विकसित होता है, तो देश भी विकसित होता है और आगे बढ़ता है।”
कर प्रशासन में सुधार के वास्तविक प्रयासों के बावजूद, वर्तमान प्रशासन को आलोचना का सामना करना पड़ा है। भारत के कर प्रशासन को कर उत्पीड़न के लिए जाना जाता है, जहां कर राजस्व बढ़ाने के दौरान अधिकारियों ने विकास को प्रभावित किया है और कई बार अच्छे काम से अधिक नुकसान किया है।
सरकार ने भ्रष्टाचार के लिए गुंजाइश कम करने और अधिकारियों द्वारा छल करने से रोकने के लिए फेसलेस आयकर मूल्यांकन की शुरुआत की है। आपको बता दे की भारत में अधिकारियों द्वारा कथित कर उत्पीड़न का सबसे बडा मुद्दा तब सामने आया था जब काफी शॉप चेन के मालिक वी.जी सिद्धार्थ ने जुलाई में आत्महत्या कर ली थी और एक नोट लिख कर अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज “कर प्रशासन के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन” कहा। आगे उन्होंने कहा “सीबीडीटी (Central Board of Direct Taxation) ने एक ढांचा दिया है और इस प्लेटफॉर्म के रूप में एक प्रणाली लगाई है, एक पारदर्शी कुशल और जवाबदेह कर प्रणाली।” प्लेटफॉर्म डेटा एनालिटिक्स और AI जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगा।
देश में करदाताओं की वर्तमान संख्या केवल 1.5 करोड़ है, जो की काफी कम है। कर सुधारों का ध्यान कर दरों में कमी और प्रत्यक्ष कर कानूनों के सरलीकरण पर केंद्रित रहा है।