अमन वर्मा
आज देश के उच्चतम न्यायालय ने दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मौत के मामले में जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया है, सुप्रीम कोर्ट ने पटना में सुशांत के पिता द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के हस्तांतरण को बरकरार रखा है।
फैसला सुनाते हुए, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि “इस मामले में निष्पक्ष जांच हीं समय की मांग है”, और महाराष्ट्र पुलिस को इस मामले में अब तक एकत्र किए गए सबूतों को सीबीआई को सौंपने के लिए कहा है।
इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई महत्वपूर्ण टिप्पणियां इस प्रकार हैं:
1. सुशांत सिंह राजपूत एक प्रतिभाशाली अभिनेता थे और उनकी पूरी क्षमता का एहसास होने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई।
2. जब सच्चाई धूप से मिलेगी केवल तभी, दिवंगत अच्छी तरह से सो पाएगा। सत्यमेव जयते।
3. उनके परिवार, दोस्त और प्रशंसक उत्सुकता से जांच के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं ताकि सभी तरह की अटकलों पर लगाम लगाई जा सके। निष्पक्ष, सक्षम और निष्पक्ष जांच समय की आवश्यकता है।
4. जब दोनों राज्य (बिहार, महाराष्ट्र) एक दूसरे के खिलाफ राजनीतिक हस्तक्षेप के गंभीर आरोप लगाते हैं, तो जांच की वैधता अंधेरे में आ जाती है। निष्पक्ष जांच से उन बेगुनाहों को न्याय मिलेगा जो इस अभियान के निशाने पर हैं।
5. जांच का परिणाम सुशांत के पिता के लिए न्याय का एक उपाय होगा, वो पिता जिसने अपना इकलौता बेटा खो दिया है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि बिहार सरकार मामले को सीबीआई को जांच के लिए स्थानांतरित करने के लिए सक्षम है। न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह की शिकायत पर बिहार पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर सही है और सीबीआई का संदर्भ कानून सम्मत है।
34 वर्षीय सुशांत सिंह राजपूत को 14 जून को मुंबई के बांद्रा में अपने अपार्टमेंट में मृत पाया गया था और मुंबई पुलिस ने बिना ठोस जांच पड़ताल के मौत को आत्महत्या घोषित कर दिया। साथ ही जांच के 66 दिनों के बाद भी एक भी FIR दर्ज नहीं किया गया था, मगर जांच चल रही थी, ये अपने आप में एक हास्यास्पद बात है।
केंद्र ने पहले शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि उसने राजपूत के पिता द्वारा पटना में दर्ज एफआईआर की सीबीआई जांच के लिए बिहार सरकार की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है, जिसमें रिया चक्रवर्ती और छह अन्य पर आत्महत्या सहित विभिन्न अपराधों का आरोप लगाया है।
फैसला सुनाते हुए पीठ ने कहा की यदि सुशांत की मृत्यु के संबंध में अगर मुंबई पुलिस अन्य मामला दर्ज करती है, तो उस मामले की जांच भी सीबीआई द्वारा की जाएगी।