2 दिन पहले बंगाल में बड़ा राजनीतिक परिवर्तन देखने को मिला और टीएमसी के कई बड़े नेताओं ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी ने अपने शो “PREDICTED BY PRADEEP BHANDARI” के माध्यम से इस पूरे घटनाक्रम का एनालिसिस किया। प्रदीप भंडारी ने कहा कि बंगाल का चुनाव पूरे चरम सीमा पर लड़ा जाएगा और यह टीएमसी और बीजेपी में राजनीतिक युद्ध से कम नहीं होगा।
प्रदीप भंडारी ने बताया कि सुभेंदु अधिकारी कोई ऐसा वैसा नेता नहीं है बल्कि ऐसे नेता है जिसकी खुद की छवि है। शुभेंदु अधिकारी की पकड़ में मेदिनीपुर की 63 सीटों पर हैं। उनके पिता खुद सांसद रह चुके हैं और इसीलिए जब उन्होंने पार्टी को ज्वाइन किया तो उनके साथ हजारों कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। शुभेंदु अधिकारी टीएमसी के फाउंडिंग मेंबर रह चुके हैं और जब ऐसे नेता पार्टी छोड़ते हैं तब समझ जाना चाहिए कि हवा किस तरफ बह रही है। प्रदीप भंडारी ने कहा कि शुभेंदु अधिकारी की खुद की कैपिटल है और जब ऐसे नेता पार्टी छोड़ते हैं तब हवा के रुख का इशारा हो जाता है। उन्होंने कहा कि इसके पहले उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद भी टीएमसी के लोग उन्हें अपने पाले में नहीं रख पाए। इससे पता चलता है कि बंगाल में आल इस नॉट गुड विथ टीएमसी।
प्रदीप भंडारी ने कहा कि बंगाल में चुनाव बूथ के आधार पर लड़ा जाएगा। बंगाल में कुल 78000 बूथ है। उत्तर प्रदेश का चुनाव भी पन्ना प्रमुख के आधार पर लड़कर बीजेपी ने जीत हासिल की। बंगाल का चुनाव भी बीजेपी बूथ के आधार पर लड़ेगी। इसीलिए बीजेपी ने सारे बूथ को ए,बी,सी,डी चार भागों में बांट दिया है। शुभेंदु अधिकारी को खुद अमित शाह ने ज्वाइन करवाया है और शुभेंदु अधिकारी की 63 सीटों पर पकड़ है जिसमें हजार से अधिक बूथ आते हैं। यानी कि अमित शाह की नजर इन सभी बूथ पर है। इसके साथ ही एक और सवाल उठ रहा था कि शुभेंदु अधिकारी को चुनाव से ठीक पहले क्यों ज्वाइन करवाया है। चर्चा तो बहुत पहले से हो रही थी। इसका उत्तर देते हुए प्रदीप भंडारी ने कहा कि ऐसा इसलिए क्योंकि अगर बहुत पहले करते तो बीजेपी में गुटबाजी बढ़ा सकती थी, क्योंकि बंगाल में बीजेपी के अंदर गुटबाजी है। इसके पहले भी खबरें आई थी कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। मुकुल रॉय एक पावर सेंटर हैं, दिलीप घोष एक पावर सेंटर है , अधिकारी एक पावर सेंटर बनेंगे तो गुटबाजी बढ़ सकती थी इसीलिए ठीक चुनाव के पहले इनको शामिल कराया गया है।
प्रदीप प्रिडिक्शन
शुभेंदु अधिकारी के आने से बीजेपी को बंगाल में भारी फायदा होगा। बीजेपी को बंगाल में 60 से अधिक सीटों पर सीधा फायदा होगा।
बीजेपी के पास प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा है, हिंदू वोट बैंक है ,साथ ही साथ हवा का रुख भी बीजेपी के साथ हैं।
इसके साथ ही बीजेपी को कुछ नुकसान भी हो सकता है क्योंकि इतने सारे नेता बीजेपी ज्वाइन कर रहे हैं तो अंतर कलह बढ़ सकती है।
इसके साथ ही ममता बनर्जी आरोप लगा सकती हैं कि बीजेपी उनके खिलाफ साजिश रच रही है।
वहीं पर ममता एक और कार्ड खेल सकती हैं। वह है बंगाली वर्सेस बाहरी का। वैसे भी ममता ने नवंबर में बोला था कि वह गुजरात के लोगों को बंगाल नहीं चलाने देंगी।
अब बंगाल में सोनार बांग्ला जीतेगा या फिर मां माटी मानुष जीतेगा, यह आपको अगले एपिसोड में पता चलेगा।