पश्चिम बंगाल के चुनाव में 2 महीने का वक्त बाकी है और पूरी उम्मीद है कि मार्च के पहले हफ्ते में चुनाव की घोषणा हो जाएगी। अगर ऐसा होता है तो अप्रैल में चुनाव हो सकते हैं। हालांकि जन की बात की पूरी टीम अपने फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी के साथ बंगाल के प्रत्येक विधानसभा में घूम रही है और आपको हर एक राजनीतिक घटना से रूबरू करा रही हैं। इसी बीच ममता बनर्जी ने एक ऐसा बयान दिया जो कि चुनावी बाजी को पलट सकता है। जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी ने उनके उस बयान का मतलब निकाला और बताया कि ममता बनर्जी के इस बयान के असल मायने क्या है?
जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी ने कहा कि ममता बनर्जी ने बोला कि बंगाल को बंगाल की बेटी को वोट देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को महिला काफी संख्या में वोट करती है। ऐसा पिछले चुनाव में भी देखा गया है। बंगाल में कुल वोट का 49% वोट महिलाओं का वोट है और इसमें से अधिक संख्या में वोट महिलाओं का ममता बनर्जी को जाता है। हमने पिछले चुनाव में भी देखा है कि महिलाएं बाज़ी को पलटती हैं। बिहार के अंदर भी नीतीश कुमार को जिताने में महिलाओं का योगदान काफी अधिक था। इसके साथ ही ममता बनर्जी ने कई स्कीम राज्य सरकार की ओर से चलाई है वह भी महिलाओं के नाम ही है। इसी कारण अब ममता बनर्जी और टीएमसी की स्ट्रेटजी यही है कि महिलाओं को अपनी तरफ करो। अगर महिलाएं ममता बनर्जी की तरफ गई तो जो हड्डा-हड्डी वाली सीटें हैं, वहां पर ममता बनर्जी अपने प्रतिद्वंदी पार्टी से आगे रह सकती हैं। वहीं पर अगर हम बीजेपी की बात करें तो बीजेपी पूरी तरीके से परिवर्तन के नारे के साथ चुनाव में है और बीजेपी को भरोसा है कि जनता साथ देगी। हमले पिछले चुनाव में भी देखा है कि महिलाओं का मत काफी मायने रखता है और महिलाएं चुनावी बाजी को पलटने का माद्दा रखती हैं। इसलिए बंगाल के चुनाव में भी महिलाओं का वोट काफी महत्वपूर्ण होगा और जो भी इसे अपने पाले में कर सकता है वो हड्डा – हड्डी वाली सीटों पर आगे रह सकता है।